– गिरफ्तारी से बचाने के लिए हर महीने लेते थे 2 लाख, मोबाइल पर मिली घंटों बातचीत।
कानपुर। भूमाफिया गजेंद्र सिंह नेगी से यारी निभाने और उसे पनाह देने के मामले में रावतपुर इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया है। आॅपरेशन महाकाल के दौरान अफसरों के निर्देश के बावजूद इंस्पेक्टर नेगी को गिरफ्तारी से बचा रहा था, जिस पर क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार किया था। इंस्पेक्टर नेगी को गिरफ्तारी से बचाने के लिए उससे 2 लाख रुपए प्रतिमाह भी लेता था। विभागीय जांच में इंस्पेक्टर और नेगी के बीच कईझ्रकई घंटों की बातचीत पुलिस को मिली है। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर डीसीपी वेस्ट दिनेश त्रिपाठी ने इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया है।
तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने भूमाफियाओं, वसूलीबाजों के खिलाफ आॅपरेशन महाकाल शुरू किया था। जिस पर गजेंद्र सिंह नेगी के खिलाफ रावतपुर थाने में एक के बाद एक 11 मुकदमे दर्ज किए गए थे। मुकदमा दर्ज होने के बाद भी नेगी खुलेआम घूमझ्रघूम कर पीड़ितों को धमका रहा था। नेगी रावतपुर इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार के भी संपर्क में था। गिरफ्तारी न होने पर पीड़ित पुलिस कमिश्नर से मिले तो रावतपुर इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच शुरू की गई।
जिसमें सामने आया कि अफसरों के लिखित और मौखिक निदेर्शों के बाद भी भूमाफिया गजेंद्र सिंह नेगी की गिरफ्तारी नहीं की गई। विभागीय जांच में सामने आया कि फरारी के दौरान नेगी ने शहर में रहते हुए इंस्पेक्टर से कई बार बात की। जिसके बाद डीसीपी वेस्ट की जांच में इंस्पेक्टर प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए। जिसके बाद पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल ने इंस्पेक्टर के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया। पुलिस कमिश्नर ने इंस्पेक्टर को मुख्यालय से संबद्ध करने के साथ ही आदेश दिए कि वह बिना अनुमति के मुख्यालय छोड़ कर नहीं जाएंगे।