दार्जिलिंग: उत्तर बंगाल में लगातार भारी बारिश के कारण दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और कुर्सियांग के पहाड़ी इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। भूस्खलन और बाढ़ के कारण सिलीगुड़ी, तराई और डुआर्स के मैदानी इलाकों से संचार और परिवहन संपर्क लगभग पूरी तरह से बाधित हो गया है। दार्जिलिंग अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। दार्जिलिंग की चाय विश्व प्रसिद्ध है। यहां काफी चाय के बागान हैं, जिसकी वजह से इसे देश का ‘चाय का प्याला’ भी कहा जाता है। लेकिन आज देश का चाय का प्याला दर्द में है। पश्चिम बंगाल के मिरिक और दार्जिलिंग पहाड़ियों में रविवार को लगातार बारिश के कारण हुए भारी भूस्खलन में कई बच्चों सहित कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के कारण कई घर बह गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, दूरदराज के कई गांवों का संपर्क टूट गया तथा सैकड़ों पर्यटक फंस गए. एनडीआरएफ और बंगाल सरकार के दार्जिलिंग व जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, कई स्थानों – सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची), नागराकाटा और मिरिक झील क्षेत्र से लोगों के मारे जाने की खबर है। निकटवर्ती जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में एक अलग बचाव अभियान में भूस्खलन के मलबे से पांच शव बरामद किए गए।



