– दो सौ मीटर क्षेत्र में नदी का तेज प्रवाह, सिंचाई विभाग ने बचाव कार्य शुरू किया।
बिजनौर। गंगा नदी का जलस्तर कम होने के बावजूद समस्याएं बरकरार हैं। सिंचाई विभाग द्वारा रावली बांध के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत के बाद भी गंगा ने एक बार फिर रावली की तरफ करीब 200 मीटर के हिस्से में तेजी से कटान शुरू कर दिया है।
बिजनौर के गंगा बैराज से रावली तक लगभग 9 किलोमीटर लंबा अपलेक्स बांध है। 7 सितंबर को किलोमीटर 6 पर गंगा नदी ने तेज कटान किया था। इस कटान में करीब 600 मीटर का हिस्सा और ऊपर बनी पक्की सड़क नदी में समा गई थी। इससे दो दर्जन गांवों और हजारों हेक्टेयर जमीन पर बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया था।
तटबंध को बचाने के लिए सिंचाई विभाग, जिला प्रशासन, नेशनल हाईवे और स्थानीय ग्रामीणों ने मिलकर प्रयास किए। करीब 15 दिन की मेहनत के बाद तटबंध का अधिकांश हिस्सा मजबूत कर लिया गया था।
रविवार की सुबह गंगा की धारा ने पिछले कटान स्थल से करीब डेढ़ सौ मीटर पहले फिर से कटान शुरू कर दिया। तेज धारा में तटबंध का हिस्सा बह गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सुबह से ही मौके पर हैं। बचाव कार्य में बल्ला स्टड, परक्यू पाइन, बोल्डर और मिट्टी के कट्टे लगाए जा रहे हैं। सैकड़ों मजदूर भारी मशीनरी के साथ बचाव कार्य में जुटे हैं।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अधिकारी बृजेश मौर्य ने बताया कि जहां गंगा का कटान पहले हो रहा था अब वँहा पूरी तरह सुरक्षित है। वहां कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन रविवार सुबह से अप स्ट्रीम में लगभग 100 मीटर बाद गंगा के धार डायवर्ट होकर सीधे इधर आ रही है। जो तेजी से कटान कर रही है जिससे इस स्थान पर कटान शुरू हो गया है।
रविवार सुबह से ही इसको प्रोटेक्ट करने का काम तेज कर दिया गया है । बल्ला स्टड, पॉक्युर्पाइन, लगा रहे है साथ ही यहां पर गहराई ज्यादा है इसलिए हम बेकेट में बोल्डर भरकर गंगा किनारे लगा रहे है इसी बेग और पी पी बेग में मिट्टी भरकर लगा रहे है। बोल्डर हमने और मंगाया है जेसीबी पोकलेन डंपर और भारी संख्या में लेवर लगी हुई है।
उम्मीद है कि हम शाम तक इसको मजबूत स्थिति में ले आएंगे। उन्होंने बताया कि करीब 100 से 150 मीटर जो है गंगा ने एक बार फिर से कटान किया है जो बढ़कर अब लगभग 1 किलोमीटर तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि जब-जब पानी घटेगा तब तक यह चुनौती बनी रहेगी इससे हम लोग तब तक लड़ते रहेंगे जब तक हम इसको मजबूत स्थिति में नहीं ले आये।