शारदा न्यूज़, संवाददाता |
मेरठ। पांडव नगर के सभागार में चल रही कथा में हिमालय गंगोत्री धाम से पधारे गौ क्रांति अग्रदूत पूज्य सन्त गोपाल मणि जी महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति जिस अंग से अपराध करता है भगवान उसका वही अंग भंग कर देते है। अत: जो लोग सहन करते है वही सन्त होते है। हमें जीवन में जितना बड़ा बनना है। उतना ही छोटा बनना पड़ेगा। गुरु के सामने शिष्य लघुता रखे अपने जीवन में प्रेम और विनम्रता बना करके रखे।
उन्होंने कहा जब हमारे जीवन में तप होता है उसी के पुण्य प्रताप से पहाड़ो में जन्म होता है जो लोग विशाल होते है वह तिनके को अपने सिर पर धारण करते है। अत: छोटों को भी सम्मान दें आज गौ माता को सम्मान की जरूरत है।
अनुदान की नहीं गौ को पुरातन सम्मान गौ माता राष्ट्र माता का सम्मान मिले तो भारत विश्व गुरु की प्रतिष्ठा को प्राप्त करेगा यहां तक हनुमान चालीसा भी विना जौ के सिद्ध नहीं हो सकती इस अवसर पर पूज्य आचार्य श्री सीता शरण जी महाराज ने कथा के प्रसंग में कहा कि हम को राम जी का आदर्श जीवन में उतारना पड़ेगी चाहिए अपनी मर्यादा में रहना चाहिए मर्यादित जीवन जीये तभी जीवन का कल्याण होता है, जो लोग दूसरों का हित चाहते है। वही धर्माच्या होते है जो दूसरों को पीडा, पहुचाते है। वही वास्तव में दुष्ट होते है। धर्म की उत्पत्ति गौ से होती है। अत: गौ माता को राष्ट्रमाता पद प्राप्त होना चाहिए।