Monday, July 14, 2025
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दो दिन बाद यमन में नर्स निमिषा को लगेगी फांसी

  • भारत सरकार ने मदद से हाथ खड़े किये।

एजेंसी, नई दिल्ली। यमन में फांसी की सजा पाने वाली भारतीय नर्स निमिषा को फांसी होने में दो दिन से कम का समय बचा है। उनको बचाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें परिवार को ब्लड मनी देने का प्रस्ताव भी रखा गया है। केरल के पलक्कड़ जिले की 38 साल की नर्स निमिषा प्रिया को 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर की हत्या का दोषी ठहराया गया था।
निमिषा को 2020 में मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में अंतिम अपील खारिज कर दिया गया। उसे 16 जून का फांसी दी जाएगी।

निमिषा की फांसी को रोकने के लिए प्रयास लगातार जारी है। निमिषा के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह ब्लड मनी को मंजूरी दे, ताकि पीड़ित परिवार को पैसे देकर, निमिषा की सजा माफ करा ली जाए. इसके लिए निमिषा के परिवार ने 10 लाख डॉलर का प्रस्ताव रखा है। वहीं केरल के सीएम पिनराई विजयन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर केरल की नर्स निमिषा की जान बचाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। बता दें कि 16 जुलाई को निमिषा को यमन में फांसी दी जानी है। अटॉर्नी जनरल के अनुसार, यह मामला बेहद पेचीदा है। सरकार इसमें ज्यादा कुछ नहीं कर सकती है। हमने हर संभव प्रयास किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन सरकार की भी अपनी एक सीमा होती है, इससे ज्यादा कुछ भी करना सरकार के लिए मुमकिन नहीं है।

केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर.वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रखा। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ में सुनवाई के दौरान उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार को 1 मिलियन डॉलर (लगभग 8.5 करोड़) रुपये के मुआवजे का आॅफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।

अब तक 54 को फांसी की सजा

नई दिल्ली। निमिषा का कोई अकेला मामला नहीं ऐसे कई भारतीय हैं, जिनको विदेशों में फांसी की सजा सुनाई गई है। इसको लेकर विदेश मंत्रालय से सवाल किया गया था कि ऐसे कितने भारतीय हैं, जो खाड़ी देशों की जेलों में बंद है और उन्हें मौत की सजा दी गई है। विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा कि विदेशी अदालतों द्वारा मौत की सजा पाए भारतीय नागरिकों की संख्या 54 है। जिसमें कुवैत, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। सबसे ज्यादा यूएई में 29 भारतीय को फांसी की सजा दी गई है, उसके बाद सऊदी में 12 भारतीय को, कुवैत में 3 और कतर में एक भारतीय को सजा-ए-मौत सुनाई गई है।

 

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