– छह महीने पहले मुजफ्फरनगर में हुई थी शादी, रील में अब्बास अंसारी के साथ दिखा था।
मुजफ्फरनगर। एटीएस ने मुख्तार अंसारी गैंग के शार्प शूटर शाहरुख पठान को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। एटीएस को शाहरुख की लोकेशन छपार इलाके में मिली। इसके बाद टीम ने घेराबंदी की। इसी दौरान शाहरुख कार से वहां पहुंचा। एटीएस ने कार रुकवाई, तो शाहरुख ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
एसटीएफ मेरठ की टीम काफी दिन से शाहरुख को ट्रैस करने की कोशिश रही थी। रविवार को एसटीएफ को इसकी लोकेशन मुजफ्फरनगर में मिली। टीम वहां पहुंच गई। तड़के करीब 4 बजे के आसपास ब्रेजा कार में शाहरुख अकेला आता हुआ नजर आया। टीम ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो कार को भगाने लगा। एसटीएफ ने पहले ही घेराबंदी कर रखी थी।
शाहरुख ने फायरिंग शुरू कर दी। एसटीएफ ने भी जवाबी कार्रवाई की। कार में फ्रंट से दो बुलेट लगी। फायरिंग में गोली शाहरुख को भी गोली लगी। पुलिस उसे नजदीकी अस्पताल ले गई। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मुठभेड़ स्थल से एसटीएफ ने बड़ी मात्रा में हथियार और कारतूस बरामद किए। जिसमें 30 एमएम बरेटा पिस्टल, 32 एमएम आॅर्डिनेंस रिवाल्वर, 9 एमएम देसी पिस्टल, बिना नंबर की सफेद ब्रेजा कार, 7 जिÞंदा कारतूस (9 एमएम), 10 जिÞंदा, कारतूस (32 एमएम), 46 जिÞंदा कारतूस (30 एमएम), 6 खोखा कारतूस (32 एमएम) थे।
छह माह पहले हुई थी शादी
शाहरुख की छह महीने पहले शादी हुई थी। वह शॉर्प शूटर था। वह प्रोफेशनल किलिंग यानी सुपारी लेकर हत्या करता था। मुख्तार गैंग के साथ ही पश्चिम यूपी में कुख्यात संजीव जीवा गैंग के लिए भी काम करता था। उस पर लूट और हत्या के 12 से ज्यादा मामले दर्ज थे।
पंचर की दुकान चलाई, फिर बड़ी घटनाओं को अंजाम देने लगा
शाहरुख जुर्म की दुनिया में आने से पहले साइकिल पंचर की दुकान चलाता था। इसके बाद वह चोरी करने लगा। कई चोरियों के बाद भी जब पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी, तो उसने बड़ी वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। इस तरह वह संजीव जीवा गैंग की नजर में आया और फिर उसी गैंग के लिए काम करने लगा।
स्टेशन पर पुलिस कस्टडी में की थी हत्या
एक वक्त शाहरुख मुख्तार का खास शॉर्प शूटर था। वह पश्चिम यूपी में मुख्तार गैंग के लिए काम करता था। वह इतना खतरनाक था कि कहीं भी वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाता था। 2015 में मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर पुलिस कस्टडी में आसिफ जायदा नाम के युवक की हत्या कर दी थी। इस मामले में वह जेल भेजा गया तो वहा संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी के संपर्क में आ गया और संजीव जीवा के लिए काम करने लगा।
कुछ दिन जेल में रहने के बाद वह सिविल लाइन मुजफ्फरनगर से साल 2016 में फरार हो गया। फरारी के दौरान जीवा के कहने पर हरिद्वार में के कंबल व्यापारी गोल्डी की हत्या 2017 में हत्या करके फरार हो गया।
इस फरारी के दौरान आसिफ जायदा मर्डर केस में गवाह आसिफ जायदा के पिता की 2017 में कोतवाली मुजफ्फरनगर में हत्या कर दी थी। इसके बाद शाहरुख पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया। बाद में इसे गिरफ्तार किया गया।