- मंदिरों में आज से शुरू हो गया जलाभिषेक।
- हाईवे के मंदिरों पर सुबह से कांवड़ियों और श्रद्धालुओं का आना शुरु हो गया।
- गोमुख और गंगोत्री से कांवड़ लाने वालों की संख्या बढ़ी है।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। श्रावण मास का शुभारंभ शुक्रवार से हो गया है। इसके लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं का आना शुरु हो गया है। भगवान शिव को समर्पित इस माह में कांवड़ यात्रा और जलाभिषेक का विशेष महत्व है। एक दिन पूर्व ही दिल्ली सहित एनसीआर के कांवड़ियों ने हाईवे के मंदिरों में जलाभिषेक आरंभ कर दिया है। शिवालयों में कांवड़ियों को सेवा दी जा रही है।
शहर के प्रमुख मंदिर जिसमें बाबा औघड़नाथ मंदिर, नागेश्वर महादेव मंदिर और रामायण कालीन महाबिलेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक चल रहा है। सुबह 4 बजे से मंदिरों में जलाभिषेक शुरू हो गया।
श्रावण मास भगवान शिव की भक्ति और साधना का विशेष समय माना जाता है। बाबा औघड़नाथ मंदिर समिति अध्यक्ष सतीश सिंघल ने बताया कि इस बार मंदिर में पहली बार 2 लाख कांवड़ियों के जलाभिषेक करने की उम्मीद है। मंदिर समिति के साथ जिला प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर बैठकें की हैं। डीआईजी के निर्देशन में मेरठ, बुलंदशहर, बागपत, और हापुड़ में कांवड़ मार्ग को 57 जोन और 155 सेक्टर में बांटा गया है। 838 शिविर जिले में आसपास और हाईवे पर 464 शिविर शामिल हैं। सुरक्षा के लिए ड्रोन, सीसीटीवी, और 8,688 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, जिसमें 1,166 महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
शहर में राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली के कांवड़ियों को आगमन आरंभ हो गया है। यह कांवड़िया हरिद्वार ही नहीं गंगोत्री और गोमुख से कांवड़ लेकर आ रहे हैं। इस बार हरिद्वर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार कांवड़ियों ने समय से पूर्व यात्रा आरंभ कर दी है। गोमुख और गंगोत्री से कांवड़ लाने वालों की संख्या बढ़ी है।