Friday, July 4, 2025
Homeउत्तर प्रदेशMeerutकांवड़ रूट पर क्यूआर कोड स्कैन करके पूछ रहे धर्म

कांवड़ रूट पर क्यूआर कोड स्कैन करके पूछ रहे धर्म

  • हिंदू संगठन हुए सक्रिय, कांवड़ियों ने बताया इससे कांवड़ के अपवित्र होने का खतरा कम।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। कांवड़ यात्रा पर यूपी में सियासत गरमाने लगी है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सख्त नियम लागू किए। इसको लेकर तीन तरह के आदेश दिए हैं। इनमें कांवड़ रूट पर ढाबा-रेस्टोरेंट वालों को अपनी पहचान बोर्ड पर लिखनी होगी, दुकानों पर लाइसेंस और पहचान पत्र लगाना होगा, कांवड़ यात्रा रूट पर खुले में मांस बिक्री नहीं होगी।

इसके बाद मेरठ से मुजफ्फरनगर कांवड़ रूट पर विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने रेस्टोरेंट, दुकान और ढाबों पर पहुंचकर नाम और धर्म पूछना शुरू कर दिया। वे वाराह (विष्णु के अवतार) की तस्वीर भी इन दुकानों पर चस्पा कर रहे हैं। भगवा झंडे लगा रहे हैं, क्यूआर कोड स्कैन करके देख रहे हैं कि हिंदू नाम की दुकान को कोई दूसरे धर्म का व्यक्ति तो नहीं चला रहा है।

मेरठ के हाईवे की दुकानों पर भी पदाधिकारी पहुंच रहे। देख रहे कि बोर्ड किस नाम का और इसे चला कौन रहा है? सही पहचान बताई जा रही है या नहीं? मांसाहार तो नहीं परोसा जा रहा है? पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद विहिप पदाधिकारी इसको अपने रिकार्ड में नोट भी कर रहे हैं।
हरिद्वार से जल लेकर दिल्ली जा रहे कांवड़ियों दुकानों पर नेम प्लेट के आदेश को लेकर हमने बातचीत की। जिस पर उन्होंने बताया कि वो लोग 16 जून को हरिद्वार के लिए चले थे। गंगा जल को दिल्ली के शिवालय पर अर्पित करने की तैयारी है। खानपान को लेकर सावधानी पर उन्होंने कहा कि हम जहां पर ठहरते हैं, पहले देखते हैं कि वो लोग कौन हैं? क्या पका रहे हैं? हिंदू या मुस्लिम हैं। अगर वहां खाने में लहसुन-प्याज पड़ रहा होता है, तो मना करते हैं।

नेम प्लेट लगने से अब परेशानी कम हो रही

नेम प्लेट के आदेश पर कांवड़ियों ने बताया कि योगी सरकार का आदेश बिल्कुल सही है। दुकानों पर बोर्ड तो लगा होना ही चाहिए। हमें कई जगह रेस्टोरेंट पर नेम प्लेट और झंडे लगे मिल रहे हैं। पहले यही पता नहीं चलता था कि ये लोग कौन हैं, इसलिए अलग से बातचीत करनी पड़ती थी। कांवड़ियों ने कहा कि हम सिर्फ हिंदू ढाबों पर ठहरते हैं। अब नेम प्लेट लगी हुई है, इसलिए बहुत परेशानी नहीं हो रही है। इससे पहले पानी भी पीने के लिए ठहरते थे, तो पहले बात करते थे। वरना अशुद्ध होने का डर बना रहता है।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Recent Comments