शारदा रिपोर्टर मेरठ। सम्राट मिहिर भोज द्वार से गुर्जर शब्द हटाने की मांग के विरोध में बुधवार को अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के दर्जनों सदस्य कलक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने एक ज्ञापन डीएम कार्यालय पर सौंपते हुए बताया कि, हाल ही में गगोल रोड स्थित सम्राट मिहिर भोज गुर्जर प्रतिहार द्वार से गुर्जर शब्द हटाने की कुछ स्वार्थपूर्ण मांगें उठाई गई है।
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यह मांग ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक दृष्टि से अत्यंत आपत्तिजनक है। यह केवल एक शब्द नहीं, बल्कि गुर्जर समाज की हजारों वर्षों की गौरवशाली परंपरा, विरासत और अस्मिता पर हमला है। उन्होंने बताया कि, विनय प्रधान सम्राट मिहिर भोज जी का संबंध 9वीं शताब्दी के गुर्जर प्रतिहार वंश से है। यह तथ्य विभिन्न शिलालेखों, अभिलेखों, सिक्कों, विदेशी यात्रियों के विवरण एवं इतिहासकारों के मतों से प्रमाणित है। उन्हें गुर्जर राजा कहकर संबोधित किया गया है। इस ऐतिहासिक सत्य को तोड़-मरोड़ कर समाज में भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है, जो न केवल आपत्तिजनक है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला अपराध है।
इसलिए हम लोग प्रशासन से यह मांग करते हैं कि, ऐसे असामाजिक, षड्यंत्रकारी एवं समाज को बांटने वाले तत्वों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाए। भविष्य में इस प्रकार के षडयंत्रों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए स्पष्ट प्रशासनिक चेतावनी जारी की जाए। ऐसे सभी विवादास्पद मुद्दों पर संबंधित समाज के प्रतिनिधियों से संवाद कर ही कोई निर्णय लिया जाए।