- आरोपी प्रोफेसर को निलंबित कर रिपोर्ट दर्ज करने की मांग।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कैलाश प्रकाश हॉस्टल के बीटेक प्रथम वर्ष के छात्रों को हॉस्टल में जाकर लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटने, गाली-गलौज एवं अशोभनीय, अपमानजनक तथा जातिसूचक भाषा करने वाले वार्डन प्रोफेसर दुष्यंत चौहान के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से शिकायत की गई है।
समाजसेवी एडवोकेट आदेश प्रधान ने सुप्रीम कोर्ट को लिखे पत्र में कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस गंभीर आपराधिक कृत्य पर कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई। न ही प्रोफेसर दुष्यंत चौहान को निलंबित किया गया, न कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। उल्टा पीड़ित छात्रों पर ही प्रशासन द्वारा दबाव बनाकर चुप कराने के प्रयास किए गए। यह न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि संविधान द्वारा प्रदत्त समानता एवं गरिमा के अधिकार का भी हनन है।
पत्र में कहा गया कि प्रोफेसर दुष्यंत कुमार चौहान के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज कर, उनके विरुद्ध विधिसम्मत आपराधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए तथा छात्रावास एवं विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए। पीड़ित छात्रों को सुरक्षा, चिकित्सकीय सहायता एवं मनोवैज्ञानिक परामर्श उपलब्ध कराया जाए। घटना की जांच हेतु एक स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं न्यायिक समिति का गठन किया जाए, जिसमें छात्र प्रतिनिधियों, महिला प्रतिनिधियों, मानवाधिकार विशेषज्ञों एवं वर्तमान प्रशासनिक अधिकारियों ,रिटायर जज ,या रिटायर प्रशासनिक अधिकारी को शामिल किया जाए। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों पर छात्रों को विश्वास नहीं है। विश्वविद्यालय प्रशासन की भूमिका की न्यायिक समीक्षा की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की संस्थागत हिंसा को रोका जा सके।
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