– अगर हमारे खाने में सेचुरेटड फैट की मात्रा ज्यादा हो और फाइबर की कम
मेरठ। आपके लिवर के ठीक नीचे मौजूद गॉलब्लेडर खाना पचाने में अहम भूमिका निभाता है। अगर हमारे खाने में सेचुरेटड फैट की मात्रा ज्यादा हो और फाइबर की कम, तो इससे गॉलब्लेडर से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
अगर हमारा खानपान सही न हो, तो गॉलब्लेडर में स्टोन या पथरी होने का खतरा होता है और इसमें अचानक होने वाला दर्द को गॉलब्लेडर अटैक कहते हैं, जो काफी तकलीफदेह हो सकता है।
ऐसे में हमारे गॉलब्लेडर की सेहत के लिए क्या बुरा है और क्या अच्छा, यह जानना बहुत जरूरी है।
जब गॉलब्लेडर स्टोन पेट तक आने के लिए ट्यूब से निकलता है, तो बाइल के फ्लो को रोक देता है, जिससे गॉलब्लेडर में तेज दर्द होना शुरू हो जाता है। ये दर्द इतना तेज होता है कि सांसें अटकने लगती हैं, जिसे कई बार गलती से हार्ट अटैक समझ लिया जाता है। इसके कई और लक्षण भी हैं, जो इस प्रकार हैं:-
कई घंटों तक पसलियों के अंदर कमर के ऊपर की तरफ या पेट के बीच में तेज दर्द बना रहता है।
आप जितनी कम मात्रा में सैचुरेटेड फैट और रिफाइंड काबोर्हाइड्रेट वाली चीजें लेंगे, आपकी बॉडी को खाना पचाने लिए उतना ही कम बाइल रिलीज करना पड़ेगा। मैदा और शुगर वाली चीजों को कम से कम लें।
खाना खाने के बाद पेट में दर्द होना शुरू होता है
मितली या उल्टी आना
बुखार या ठंड लगना
यूरीन का रंग हल्का ब्राउन हो जाना
स्टूल का रंग हल्का होना
गॉलब्लेडर के लिए बुरी हैं ये चीजें