Thursday, May 8, 2025
HomeDelhi Newsदुनिया के बीस प्रदूषित शहरों की रिपोर्ट आई सामने, भारत के 13...

दुनिया के बीस प्रदूषित शहरों की रिपोर्ट आई सामने, भारत के 13 शहर भी शामिल; जानें कहीं आपके शहर का नाम तो नहीं!

  • तेरह शहर भारत के असम का बर्नीहाट टॉप पर
  • दुनिया के बीस प्रदूषित शहरों में मुजफ्फरनगर भी,

एजेंसी, नई दिल्ली। दुनिया भर के 20 सबसे बड़े प्रदूषित शहरों में से 13 शहर भारत के हैं, जिसमें से असम का बनीर्हाट इस लिस्ट में टॉप पर है। मंगलवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई, जिसमें यह खुलासा हुआ है। स्विस वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी की ओर से जारी विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर भारत की दिल्ली सबसे प्रदूषित राजधानी बनी हुई है, जबकि साल 2024 में भारत दुनिया का 5वां सबसे प्रदूषित देश बना। वहीं साल 2023 में तीसरे स्थान पर था।

क्या कहती है रिपोर्ट?

रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में भारत में पीएम 2.5 सांद्रता में 7 फीसदी की गिरावट देखी गई, जो 2023 में 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की तुलना में औसतन 50.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। इसके बावजूद दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 6 तो भारत में ही हैं। वहीं दिल्ली में लगातार हाई पॉल्यूटेड लेवल दर्ज किया गया, जिसमें वार्षिक औसत पीएम 2.5 सांद्रता 91.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी, जो 2023 में 92.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से लगभग अपरिवर्तित थी।

भारत के 13 प्रदूषित शहर

दुनिया के टॉप 20 प्रदूषित शहरों में से 13 भारत के हैं, जिसमें बनीर्हाट, दिल्ली, मुल्लानपुर (पंजाब), फरीदाबाद, लोनी, नई दिल्ली, गुरुग्राम, गंगानगर, ग्रेटर नोएडा, भिवाड़ी, मुजफ्फरनगर, हनुमानगढ़ और नोएडा शामिल है। कुल मिलाकर 35 फीसदी भारतीय शहरों में वार्षिक पीएम 2.5 का स्तर डब्लूएचओ की सीमा 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से 10 गुना अधिक है।

भारत में वायु प्रदूषण एक गंभीर स्वास्थ्य जोखिम बना हुआ है, जो लगभग 5.2 सालों तक जीवन को कम करता है। बीते साल प्रकाशित लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ अध्ययन के मुताबिक, प्रदूषण की वजह से 2009 से 2019 तक भारत में हर साल लगभग 15 लाख मौतें हुई हैं।

2.5 माइक्रोन से छोटे वायु प्रदूषण कण हैं, जो फेफड़ों और रक्तप्रवाह में एंटर कर सकते हैं, जिससे सांस लेने में समस्या, हृदय रोग और यहां तक कि कैंसर भी हो सकता है। ये गाड़ी के धुएं, इंडस्ट्रियल एमिशन और लकड़ी या फसल के कचरे को जलाने से भी हो सकता है।

डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक और स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाहकार सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत ने वायु गुणवत्ता डेटा संग्रह में प्रगति की है, लेकिन पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

ताजा खबर

Recent Comments