ज्ञान प्रकाश
चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने अब तक परफेक्ट खेल दिखाया। भारत ने पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड को बुरी तरह शिकस्त देकर ऑस्ट्रेलिया से भिड़ने के लिए सेमीफाइनल के लिए खुद को तैयार कर लिया था। आज टीम इंडिया ने हर क्षेत्र में कंगारुओं को मात दी।
टॉस हार कर भारत को पहले बोलिंग करने का निर्णय लिया। एक समय ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 300 पार कर लेगा लेकिन स्पिनरों और शमी ने कंगारुओं को 264 पर समेट दिया। भारत के लिए ये मैच प्रतिष्ठा का मैच बन गया था।
जानदार सिक्स मार कर विजयी रन बनाने के बाद राहुल ने जोरदार दहाड़ लगाई। भारतीय टीम ने शानदार खेल दिखाया। क्रिकेट का शानदार खेल। दोनों टीमों ने बहुत सारे स्पिनर चुने क्योंकि पिच सूखी थी। लेकिन टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खेल से कहीं बेहतर खेली। इसमें कुछ ऐसा था जिसने सभी को दिलचस्पी बनाए रखी। और दोनों पारियों में बहुत सारी समानताएँ थीं। कॉनॉली और गिल सस्ते में आउट हो गए। हेड और रोहित को कुछ जीवनदान मिले और स्पिन (वरुण चक्रवर्ती और कॉनॉली) के सामने गिरने से पहले उन्होंने गेंदबाजों पर हमला किया। स्मिथ-लाबुशेन और कोहली-श्रेयस ने स्पिन के खिलाफ समझदारी से बल्लेबाजी की और बहुत सारे सिंगल और डबल रन बनाए। कैरी ने स्मिथ पर से दबाव हटाया जबकि अक्षर ने कोहली के लिए भी कुछ ऐसा ही किया।
जब भी साझेदारी खतरनाक होती दिखी, गेंदबाजों ने विकेट चटकाए। स्मिथ ने बड़ा शॉट खेलने की कोशिश की और 73 रन पर आउट हो गए, जबकि कोहली एक और शॉट लगाने के लिए तैयार दिख रहे थे तब आउट हुए। हार्दिक पंड्या ने लगातार दो छक्के लगाकर रन के औसत को कम कर दिया। मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया के खौफ का जो दबाब दिख रहा था उसको कोहली ने काफी हद तक कम कर दिया था ।
भारत की बात करें तो लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। 30 के स्कोर पर भारत को पहला झटका शुभमन गिल के रूप में लगा, वो 11 गेंदों में 8 रन बनाकर आउट हुए। उसके बाद रोहित आज अच्छी लय में नजर आ रहे थे। लेकिन वो भी 28 रन बनाकर चलते बने। इसके बाद श्रेयस अय्यर और विराट कोहली के बीच 91 रनों की पार्टनरशिप हुई। दो विकेट जल्दी गिरने के बाद अय्यर और विराट ने मैच में भारत की वापसी कराई। विराट ने 98 गेंदों में 84 रन बनाए, तो वहीं अय्यर ने 45 रनों की पारी खेली। इन दोनों बल्लेबाजों के आउट होने के बाद केएल राहुल और हार्दिक पांड्या ने पारी को संभाला। दोनों ने अंत में कुछ बड़े शॉट्स लगाए और भारत को 4 विकेट से जीत दिलाई। राहुल 42 रन बनाकर नाबाद लौटे और विनिंग शॉट भी खेला।
तो दोनों टीमों में क्या अंतर था?
ऑस्ट्रेलिया की अनुभवहीनता और भारत का अनुभव। ऐसी पिच पर जहाँ स्ट्राइक रोटेशन कठिन था, कोई कह सकता है कि भारत के लिए टॉस हारना अच्छा था क्योंकि वे लक्ष्य का पीछा करने में अच्छी गति से आगे बढ़ सकते थे। उन्होंने आक्रामकता के साथ सावधानी का बेहतरीन मिश्रण किया। श्रेयस और कोहली ने 91 रनों की साझेदारी की और उसके बाद अक्षर, राहुल और हार्दिक जैसे खिलाड़ियों ने उपयोगी योगदान दिया। भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए पूरे समय लक्ष्य पर नियंत्रण बनाए रखा और 11 गेंद शेष रहते लक्ष्य हासिल कर लिया।