– इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी मेरठ की तीखी आलोचना की ।
– एसिड अटैक पीड़िता को 6 हफ्ते मुआवजे दें, प्रमुख सचिव सभी डीएम को सर्कुलर दें।
शारदा रिपोर्टर प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसिड अटैक पीड़िता को मुआवजा देने लापरवाही बरतने पर जिलाधिकारी मेरठ की तीखी आलोचना की है। कोर्ट ने कहा है कि यह उनकी अक्षमता व करुणा की कमी दिखाता है। अधिकारियों का पहला दायित्व है कि वह लोगो को सेवा दें। जिलाधिकारी ने भारत सरकार के स्पष्ट निर्देश के बावजूद पीड़िता को एक लाख रुपए अतिरिक्त मुआवजे का भुगतान नहीं किया। कोर्ट ने जिलाधिकारी को भारत सरकार के 3 सितंबर, 2024 के लेटर का एक हफ्ते में पालन करने का आदेश दिया। कहा कि 6 हफ्ते में पीड़िता को मुआवजे का भुगतान करें।
कोर्ट ने कहा कि प्रमुख सचिव सभी डीएम को सर्कुलर दें कोर्ट ने भविष्य में एसिड अटैक पीड़िता को मुआवजे के भुगतान में देरी नहीं करने के लिए प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह को सभी जिलाधिकारियों को सर्कुलर जारी करने का आदेश दिया। साथ ही आदेश की प्रति गृह मंत्रालय भारत सरकार, महिला सुरक्षा विभाग नई दिल्ली और जिलाधिकारी मेरठ को भेजने के लिए कहा। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ और न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने रजनीता की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
2013 से एसिड अटैक पीड़िताओं को मदद दी जा रही मालूम हो कि एसिड अटैक पीड़िता को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत फंड से मुआवजा दिया जाता है। 2013 मे पीड़िता पर एसिड अटैक हुआ। सरकार ने कुछ मुआवजे का भुगतान भी किया। याची को सर्जरी व चिकित्सा सहायता के लिए एक लाख रुपए अतिरिक्त की आवश्यकता है।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के महिला सुरक्षा विभाग के अनुसचिव ने जिलाधिकारी मेरठ को पत्र लिखा है किंतु जिलाधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। जिलाधिकारी से जानकारी मांगी गई तो कोई जवाब नहीं आया। कोर्ट ने इसे एलार्मिग स्थिति करार दिया। जिलाधिकारी की आलोचना की है।