शारदा रिपोर्टर मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक विरासत वाली संस्था मेरठ कॉलेज मेरठ में सदैव से ही कुछ ना कुछ अभिनव प्रयोग होते रहे हैं। इसी कड़ी में आज मेरठ कॉलेज के डिपार्टमेंट आफ प्रोफेशनल स्टडीज में मेरठ कॉलेज के सचिव विवेक कुमार गर्ग एवं प्राचार्य डॉ मनोज कुमार रावत के नेतृत्व में विभिन्न एडमिशन कमेटियों की एक मीटिंग आहूत की गई।
जिसमें मेरठ कॉलेज प्रबंध कार्यकारिणी ने सभी विभागों के प्रवेश कमेटियों के समन्वयकों को निर्देशित किया कि वे मेरठ शहर के अंदर और ग्रामीण क्षेत्र में अभी से ही क्रमवार इंटर कॉलेज संस्थाओं से संपर्क करें और मेरठ कॉलेज के विभिन्न रोजगारपरक कोर्सों में छात्रों की सीट सुरक्षित करवाये।
उल्लेखनीय है की मेरठ कॉलेज में कंप्यूटर साइंस विभाग में बीएससी कंप्यूटर साइंस और एमएससी कंप्यूटर साइंस का कोर्स संचालित है जो की बीसीए एवं एमसीए के समक्ष है। इसको करके छात्र शीघ्र रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
इसी प्रकार क्लिनिकल न्यूट्रिशन एंड डायतेटिक्स की एक बहुत ही आधुनिक रोजगार परक कोर्स है, भी मेरठ कॉलेज में संचालित है, जिसमें विद्यार्थी टेन प्लस टू में मिनिमम 45% नंबरों के साथ प्रवेश ले सकते हैं।
इस कोर्स को करने के बाद मेट्रो ग्रुप आफ हॉस्पिटल्स, पेप्सी, सिप्ला एवं मदर डेयरी जैसी कंपनियों में मेरठ कॉलेज से छात्र चयनित होते रहे हैं। इसी के साथ बायोटेक डिपार्मेंट में बीएससी बायोटेक संचालित है और फिजिकल एजुकेशन विभाग में बैचलर आफ फिजिकल एजुकेशन कोर्स संचालित है।
इसी प्रकार मेरठ कॉलेज में बीकॉम एलएलबी एवं बीए एलएलबी के 5 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स भी उपलब्ध है जिससे छात्र न्यायिक सेवाओं में, आर्मी में, कॉरपोरेट सेक्टर में चयनित होते रहे हैं। वर्तमान में ही एक नया अति आधुनिक कोर्स पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन साइबर क्राइम एंड लॉ मेरठ कॉलेज में लॉन्च किया गया है, जिसकी अवधि एक वर्ष की है और कोई भी स्नातक मिनिमम 45% अंकों के साथ इसमें प्रवेश लेने के लिए अहर है।
आजकल इंटरनेट का युग है और साइबर क्राइम अपने चरम पर है, ऐसी स्थिति में साइबर लॉ कंसल्टेंट्स के रूप में, साइबर लीगल एडवाइजर के रूप में, टेक्नोलॉजी रिस्क मैनेजर के रूप में रोजगार बाजार में उपलब्ध हैं।
कार्यक्रम के अंत में नई प्रवेश नीति का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ अरविंद कुमार, डॉ सुधीर कुमार, डॉ रवीश, अर्पणा चौधरी, आलिया एवं विपिन कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में जितेंद्र कुमार एवं चंद्रशेखर भारद्वाज की विशेष भूमिका रही।