आचार्य प्रमोद कृष्णम ने शिक्षाविद् ताराचंद शास्त्री को दी श्रद्धांजलि

Share post:

Date:


शारदा रिपोर्टर मेरठ। कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णन ने शुक्रवार को राजनीतिज्ञ और शिक्षाविद् ताराचंद शास्त्री को श्रद्धांजलि दी और यादों को ताजा किया।

आचार्य प्रमोद कृष्णन ने एमपीएस ग्रुप की सह संस्थापक कुसुम शास्त्री और चेयरमैन विक्रमजीत सिंह शास्त्री के आवास पर दोपहर आए और शिक्षाविद् ताराचंद शास्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शास्त्रीजी के साथ उनके काफी पुराने संबंध थे। वो काफी उदार दिल के थे।

 

उन्होंने कहा कि परमात्मा को किसी ने नहीं देखा लेकिन परमात्मा अगर है तो बच्चे जैसा है। जब आप बच्चे जैसा बर्ताव करते है तो भगवान जैसे होते है। उन्होंने कहा कि ईश्वर बच्चे जैसा इसलिए है क्योंकि उसमें समर्पण होता है। जिसमें समर्पण नहीं है उसकी आस्था अधूरी है। इंसान नश्वर के पीछे भाग रहा है। जो तुमने बनाया है वो मिटेगा। जो खुद के द्वारा बनाया जाता है वो मिटता नहीं। उन्होंने कहा कुछ भी स्थाई नहीं है। आचार्य ने कहा कि बचपना आंसू और मुस्कान से उमड़ता है।

उन्होंने मन की शांति पर कहा कुछ करने से शांति नहीं होती। करने से प्रेम नहीं होता। परमात्मा के करीब जाइए। आपको शांति मिलनी शुरू हो जाएगा। इंसान को सत्य को स्वीकार करना चाहिए। आचार्य ने शोक संतृप्त परिवार को ईश्वर के प्रति गहरी आस्था रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मन में द्वेष नहीं होना चाहिए।

आचार्य प्रमोद कृष्णन के साथ वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सतीश शर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष विनोद मोगा भी मौजूद थे। इस मौके पर प्रेरणा शास्त्री, केतकी शास्त्री, अंजना शास्त्री मौजूद थी।

रामकृष्ण परमहंस का व्याख्यान सुनाया

मेरठ। आचार्य प्रमोद कृष्णन ने राम कृष्ण परमहंस का प्रसंग सुनाया। कहा कि अंतिम समय में राम कृष्ण परमहंस ने अपनी पत्नी शारदा से कहा कि अगर तुमने मुझसे मेरे शरीर से प्रेम किया तो मैं मिट जाऊंगा, अगर मुझसे प्रेम किया तो हमेशा साथ रहूंगा। ये कह कर उन्होंने अंतिम सांस ली।

इसके बाद पत्नी शारदा रोज उनके कमरे में जा कर सारी दैनिक प्रक्रिया करती थी। उनके शिष्य सोचते थे शारदा पागल हो गई। स्वामी विवेकानंद ने भी पूछा तो शारदा ने कहा तुम्हारा दैहिक प्रेम है, इसलिए तुमको दिखाई नहीं देता लेकिन मुझे दिखता है क्योंकि दैहिक प्रेम है। उन्होंने कहा जो जलाने वाला है वहीं बुझाने वाला भी है। मनुष्य के शरीर को भी इसी तंत्र से चलता है।

एक रिसर्च सेंटर आत्मा को लेकर खोलूंगा

मेरठ। कल्कि पीठाधीश्वर के आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा कि वो आने वाले समय में आत्मा पर रिसर्च करने के लिए सेंटर खोलेंगे।

मनुष्य का मुख्य लक्ष्य खुद को जानना है। संसार को परिवार के रूप में देखना विरक्ति है। धरती किसी से नापी नहीं है। जितना चलते है उतना छूटता जाता है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular

More like this
Related

विराट कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ इतिहास रचा

ज्ञान प्रकाशचैंपियंस ट्रॉफी में आज की रात दुबई में...

निगम को हैंडओवर के बाद भी सुविधाओं को जूझ रही कॉलोनियां

2020 में नगर निगम को हैंड ओवर हुई थी...

प्रयागराज में भीषण जाम, बोर्ड परीक्षा टाली गई

संगम से दस किमी पहले रोके जा रहे वाहन एजेंसी...