- भूकंप में मरने वालों की संख्या 126 हुई।
Earthquake in Tibet: बुधवार सुबह रिक्टर स्केल पर 4 तीव्रता का एक और भूकंप तिब्बत में आया। जानकारी के अनुसार, भूकंप सुबह करीब 06:58 बजे आया और इसका केंद्र शिजांग में था। यह भूकंप 7.1 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद आया है, जिसमें 126 लोग मारे गए और तिब्बत में भारी तबाही हुई। भूकंप का केंद्र सतह से करीब 10 किलोमीटर नीचे था। भूकंप के झटके पड़ोसी नेपाल में भी महसूस किए गए, जहां रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता करीब 4.2 दर्ज की गई।
इससे पहले मंगलवार को दक्षिणी तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक के पास भीषण भूकंप आया, जिसमें कम से कम 126 लोगों की मौत हो गई और 188 लोग घायल हो गए। भूकंप के झटकों के कारण नेपाल और भारत के कई हिस्सों में भी लोग सड़कों पर निकल आए।
– पढ़िए क्यों आता है भूकंप?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है। जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है। भूकंप तब आता है… जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं। जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं। एक दूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है। इसे ही भूकंप कहते हैं। भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं। जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं।
बता दें रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है। भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है। यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है। 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है। 9 यानी सबसे ज्यादा। बेहद भयावह और तबाही वाली लहर। ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं…अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है।
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