- वर्ल्ड कप क्रिकेट, शतरंज में दो वर्ल्ड चैंपियन मिले।
ज्ञान प्रकाश। भारत के लिये वर्ष 2024 खुशियों भरा साबित हुआ। एक ओर जहां टीम इंडिया ने टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता, वहीं शतरंज में दो वर्ल्ड चैंपियन भी मिले। छोटे से बच्चे गुकेश ने वर्ल्ड चैस का खिताब जीत कर देश का नाम रोशन कर दिया। इस बार पेरिस ओलंपिक में भले भारत ज्यादा पदक न जीत पाया हो लेकिन मनुभाकर के रुप में एक निशानेबाज मिली जिसने दो कांस्य पदक जीतने का जरुर गौरव हासिल किया।
मनु की जीत ने लाखों महिला खिलाड़ियों के लिये सफलता के रास्ते खोल दिये। तोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा को पेरिस ओलंपिक में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारत को मौजूदा विश्व चैंपियन से स्वर्ण पदक की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि वह पाकिस्तान के अरशद नदीम से हार गए।
जहां तक क्रिकेट की बात की जाए तो टी20 वर्ल्ड कप में फाइनल में हैरतअंगेज तरीके से दक्षिण अफ्रीका को हराना भारतीय टीम की मानसिक मजबूती को साबित कर गया वहीं रोहित शर्मा और विराट कोहली, रवीन्द्र जडेजा के टी20 से विदाई का गवाह भी बना। भारतीय टीम के नायाब सितारे आर अश्विन ने भी आस्ट्रेलिया दौरे के बीच में सन्यास लेकर लोगों को हैरत में डाल दिया। भारत के लिये साल के शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खुशियों भरी रही।
चार मैच जीतने वाली टीम इंडिया को न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप हार का सामना करना पड़ा। आस्ट्रेलिया के खिलाफ विदेशी सीरीज में भारत की अग्निपरीक्षा चल रही है। यूं तो वर्ष 2024 ने भारतीय खेलों में कुछ यादगार पल जोड़े लेकिन जिन तारीखों को याद किया जाएगा उनमें 29 जून, 30 जुलाई, 12 दिसंबर और 28 दिसंबर शामिल हैं। भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम 2036 ओलंपिक की मेजबानी के इरादे का औपचारिक आशय पत्र सौंपना रहा।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व सचिव जय शाह भी इसी साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष बने। डी गुकेश और कोनेरू हम्पी ने दिसंबर में विश्व खिताब के साथ भारत में शतरंज के प्रति रुझान को बढ़ाया। पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए एक और प्रमुख आकर्षण पुरुष हॉकी टीम का लगातार दूसरा पदक (कांस्य) जीतना भी रहा। अनुभवी टेनिस स्टार रोहन बोपन्ना की 44 वर्ष की उम्र में ऑस्ट्रेलियाई ओपन में पुरुष युगल खिताब की जीत ने भी एक अमिट छाप छोड़ी।
भारत ने पैरालंपिक खेलों में सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य सहित कुल 29 पदक जीते। वह पदक तालिका में 18वें स्थान पर रहा। मनिका बत्रा, श्रीजा अकुला, अयहिका मुखर्जी, सुतीर्था मुखर्जी और दीया चितले की महिला टेबल टेनिस टीम ने भी इतिहास रचा। उन्होंने कजाकिस्तान के अस्ताना में एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप में भारत के लिए पहला पदक (कांस्य) हासिल किया।