spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Friday, December 26, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeउत्तर प्रदेशMeerutसीएमओ ऑफिस में भ्रष्टाचार के खिलाफ सौंपा ज्ञापन

सीएमओ ऑफिस में भ्रष्टाचार के खिलाफ सौंपा ज्ञापन

-

  • भाजपा नेता ने टैक्सी परमिट वाहनों के वेंडर प्रक्रिया में लगाया भ्रष्टाचार का आरोप।


शारदा रिपोर्टर मेरठ। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में नियम विरुद्ध टैक्सी परमिट वाहनों के टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए भाजपा कार्यकतार्ओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने डीएम कार्यालय पर एक शिकायत पत्र सौंपते हुए समस्या के समाधान की मांग की।
भाजपा नेता अंकित चौधरी ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमों को अनदेखा करते हुए अपने पसंदीदा वेंडर को टेंडर दिलाने के लिए भ्रष्टाचार किया गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अंतर्गत जेम पोर्टल के माध्यम से नियम अनुसार वेंडर द्वारा टैक्सी परमिट वाहनों को उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन 6 माह पहले जेम पोर्टल पर नए टेंडर के लिए निविदा डाली गई थी। जिसमें लगभग 19 फर्म द्वारा निविदा डाली गई।

जेम पोर्टल के नियम अनुसार जो एक सरकारी पोर्टल है, किसी भी टेंडर को पूर्ण करने के लिए 45 दिनों से 90 दिनों तक का समय दिया जाता है। यदि 90 दिनों के अंदर टेंडर प्रक्रिया पूर्ण नहीं होती है तो दोबारा जैम पोर्टल पर उपरोक्त टेंडर के लिए निविदा डाली जाती है। लेकिन, उपरोक्त टेंडर लगभग 6 माह बाद खोला गया है। जबकि, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा अपने पसंदीदा वेंडर को टेंडर दिलाने के लिए उपरोक्त नियम को अनदेखा किया गया। तकनीकी बिड में बजरंग ट्रेवल्स एवं दो अन्य डमी ट्रेवल्स की तकनीकी बिड स्वीकृत की गई है। बाकी फर्म को डिसक्वालीफाई किया गया है।

जेम पोर्टल के नियम अनुसार तकनीकी बिड में जिन फर्म को डिसक्वालीफाई किया जाता है।उन फर्म को डिसक्वालीफाई करने का कारण सहित दो दिन का समय दिया जाता है। लेकिन उपरोक्त टेंडर में डिसक्वालीफाई होने वाली फर्म को बिना कारण बताएं डिसक्वालीफाई किया गया है, जो की नियम विरुद्ध है।

बजरंग ट्रैवल्स द्वारा पूर्व में लगभग 10 वर्षों से उपरोक्त टेंडर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में चलाया गया है। बजरंग ट्रेवल्स को अनुचित तरीके से लाभ दिलाने के लिए उपरोक्त नियमों की अनदेखी की गई है। क्योंकि यह एक गंभीर मामला है, जिसमें उपरोक्त टेंडर को निरस्त करते हुए दोबारा से निविदा के लिए टेंडर जारी किया जाए एवं टेंडर में पारदर्शिता करने के लिए आदेशित करते हुए उपरोक्त टेंडर से संबधित अधिकारियों के खिलाफ जांच कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये।

Related articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

4,000,000FansLike
100,000SubscribersSubscribe

Latest posts