- तमाम योजनाओं और सुविधाओं के बावजूद नहीं कर रहे पैसा जमा,
शारदा रिपोर्टर मेरठ। विधुत विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद बिजली उपभोक्ताओं पर पीवीवीएनएल का करोड़ों रुपए का भुगतान है। लेकिन उपभोक्ता समय पर बिजली विभाग को पेमेंट नहीं कर रहे हैं। जबकि, बिजली के बिल की धनराशि जमा करने के लिए पीवीवीएनएल की तरफ से कई योजनाएं संचालित है ताकि, विभाग को समय रहते पेमेंट मिलती रहे।
विभाग के अनुसार, पश्चिमांचल के 14 जिलों में कई ऐसे जिले हैं, जहां उपभोक्ता समय से बिजली का बिल नहीं भर रहे हैं। इनमें सहारनपुर पहले स्थान पर है। जहां सबसे ज्यादा ऐसे उपभोक्ताओं है, जिन पर बिजली के बिल का लाखों रुपए बकाया है। जबकि, पांचवें नंबर पर मेरठ है। सहारनपुर के उपभोक्ताओं पर जो बकाया है, उसमें 604.17 करोड़ सिर्फ सरचार्ज है।
गाजियाबाद के उपभोक्ता बिजली बिल अदायगी में नंबर एक पर हैं। एमडी पीवीवीएनएल ईशा दुहन का मानना है कि, पश्चिमांचल में शहरी इलाकों के उपभोक्ता बिजली बिल भुगतान करने में अग्रणी है। देहात क्षेत्र के उपभोक्ता बिजली बिल अदायगी में विलंब करते हैं। जबकि, अगर उपभोक्ता समय से बिल जमा करते हैं तो उन्हें औद्योगिक श्रेणी के 33,37,838 उपभोक्ताओं को सरचार्ज में कमी करने, घरेलू उपभोक्ताओं को 2007 करोड़ की छूट का लाभ मिलने, एकमुश्त बिजली बकाया अदा कर शत प्रतिशत सरचार्ज में छूट देने, पहले चरण में एकमुश्त बकाया अदा कर उपभोक्ता सौ फीसदी सरचार्ज छूट का लाभ देने की भी बात विभाग अधिकारियों द्वारा की गई है।
वहीं, एमडी ईशा दुहन के मुताबिक, एकमुश्त समाधान योजना में सितंबर 2024 तक के बकाया बिजली बिल में लगे सरचार्ज में ही छूट मिलेगी। जबकि, मूल बकाए की 30 फीसदी पंजीकरण राशि के रूप में जमा करना होगा। एकमुश्त और किश्तों में जमा करने की सुविधा उपलब्ध होगी।
पश्चिमांचल में ओटीएस योजना के तहत उपभोक्ताओं को बिल जमा करने के लिए विभागीय कैश काउंटरों के साथ ही बिलिंग कंपनियों, विद्युत सखियों, बैंक प्रतिनिधियों के जरिए भी सुविधा दी जाएगी। पश्चिमांचल के गांवों में जो विद्युत सखियां एक लाख रुपये से अधिक बकाया राजस्व वसूलेंगी। बता दें कि, मेरठ में विधुत विभाग का पच्चीस करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया भुगतान है। जिसको लेकर कशमकश जारी है।