मेरठ– आज (16 अक्टूबर) कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही एवं कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह मेरठ पहुंचे। वहां उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। यह कार्यक्रम 16 अक्टूबर से प्रारम्भ होगा जिसका समापन 18 अक्टूबर को किया जायेगा। कार्यक्रम में सैंकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे। मुख्य अतिथि के तौर पर आये मंत्री ने लोगों के सामने अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम के मंत्री सूर्य प्रतार शाही ने किसानों को कृषि में नवीन तकनीक और अविष्कारों को खेत तक पहुँचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसान मेला और प्रदर्शनी के माध्यम से विश्वविद्यालय की तकनीक और नए अनुसंधान गाँवों और किसानों तक पहुँचायेंगे। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों की चर्चा करते हुए उत्पादन बढ़ाने और फसलों की बहुउपयोगिता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।
बलदेव सिंह औलख ने कहा कि आज के युवा भारत का भविष्य है और कृषि भारत का आधार 6है इसलिए देश के विकास के लिए आवश्यक है कि अधिक से अधिक युवाओं को कृषि से जोड़ा जाये और यह तभी सम्भव होगा जब कृषि लाभकारी हो। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि परम्परागत तरीकों के साथ- साथ कृषि के आधुनिक तौर तरीकों का प्रयोग करके खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है। कुछ युवाओं, जिन्होंने कृषि में स्नातक डिग्री लेने के बाद खेती को अपनाया है वे काफी सफल रहे है, जरूरत है बस इन्हें प्रोत्साहित करने की।
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, डा० के०के० सिंह ने बताया कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है जहाँ पर आज भी देश की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर आधारित है। कहा कि, स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारतीय कृषि में लगभग हर क्षेत्र में क्रान्ति आई है लेकिन घटती हुई जमीन एवं पानी की कमी तथा जलवायु परिवर्तन जैसी विपरीत परिस्थितियों में देश की बढ़ती हुई जनसंख्या को सन्तुलित खाद्य पदार्थों को उपलब्ध करा पाना एक चुनौती है। हमें ऐसी कृषि नीति विकसित करनी होगी जिसमें खर्च कम आये और लाभ अधिक हो, इसके लिए कृषि में विविधता एवं कृषि आधारित व्यवसायों को अधिक महत्व देना होगा। साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बढती हुई प्रतियोगिता में मुकाबला करने के लिए हमें उत्पादन की गुणवत्ता एवं प्रबन्धकीय क्षमता को बढ़ाना होगा। इस वर्ष मेले का विषय ’कृषि उद्यमिता समृद्ध किसान है। देश कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ हैं, परन्तु पोषण सुरक्षा पर अभी और कार्य करने की आवश्यकता हैं।
उन्होंने यह भी कहा, कि विश्वविद्यालय कार्यक्षेत्र में महिला सशक्तिकरण हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। हैं। महिलाओं को स्वावलम्बी एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन लगातार किया जा रहा हैं। कुलाधिपति के प्रेरणा से कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से 1750 अशिक्षित महिलाओं को स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षित किया गया। वहीं पदमश्री भारत भूषण त्यागी तथा पदमश्री नरेन्द्र सिंह ने किसान मेले के आयोजन की सफलता की शुभकामना देते हुए किसानों को तकनीकी से रूबरू होने हेतु प्रेरित किया।