भू-अधिग्रहण घोटाला: दो एसएलएओ समेत पांच कर्मी निलंबित

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लखनऊ। बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे और बरेली रिंग रोड के भू-अधिग्रहण की जांच में अब तक 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला सामने आ चुका है। इस मामले में कार्रवाई जारी है। मंगलवार को दो एसएलएओ, दो लेखपाल और एक अमीन निलंबित कर दिया गया।

बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे और बरेली रिंग रोड के लिए भू-अधिग्रहण में हुए घोटाले में दो तत्कालीन सक्षम प्राधिकारी, भूमि अध्याप्ति (एसएलएओ) समेत पांच कर्मचारी निलंबित कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में दोषी तहसीलदार, नायब तहसीलदार और कानूनगो समेत अन्य कर्मियों को चिह्नित कर उन्हें भी निलंबित करने के आदेश दिए हैं।

भू-अधिग्रहण में अब तक 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला सामने आ चुका है। प्रारंभिक जांच में संलिप्तता मिलने पर सीएम ने सक्षम प्राधिकारी भूमि अध्याप्ति मदन कुमार और आशीष कुमार को निलंबित करने के आदेश दिए हैं। तहसील सदर के लेखपाल उमाशंकर, नवाबगंज के लेखपाल सुरेश सक्सेना और एसएलएओ के अमीन डबर सिंह को भी निलंबित करने के आदेश जारी हुए हैं।

बता दें दोनों एसएलएओ को निलंबित करने की प्रक्रिया फाइल पर शासन का नियुक्ति विभाग पूरी करेगा, क्योंकि ये पीसीएस अधिकारी हैं। एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी के सात अधिकारी व कर्मचारी पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं।

इन अफसर-कर्मियों पर भी गाज गिरना तय : घोटाले से जुड़ी एक पूरक रिपोर्ट में लेखपाल आशीष कुमार, मुकेश कुमार, विनय, दिनेश चंद्र, विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय के तत्कालीन अमीन अनुज वर्मा, ग्राम विलहरा माफी व मुडलिया गोसू के क्षेत्रीय लेखपाल मुकेश गंगवार, हेमंतडांडी के क्षेत्रीय लेखपाल तेजपाल, ग्राम भैंसहा के क्षेत्रीय लेखपाल ज्ञानदीप गंगवार, उगनपुर के क्षेत्रीय लेखपाल मुकेश कुमार मिश्रा, अमरिया के क्षेत्रीय लेखपाल विनय कुमार व दिनेश चंद्र और ग्राम हुसैन नगर एवं सरदार नगर के क्षेत्रीय लेखपाल आलोक कुमार को भी गड़बड़ियों का जिम्मेदार ठहराया गया है। शासन के सूत्रों के मुताबिक, इन्हें भी शीघ्र ही निलंबित कर दिया जाएगा।

अधिकारियों ने पर्यवेक्षण में बरती शिथिलिता

सीडीओ की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि पूरे प्रकरण में शिथिलता एवं लापरवाही बरतने तथा सम्यक रूप से परीक्षण न करने के लिए आशीष कुमार, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी, बरेली एवं तत्कालीन विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी बरेली मदन कुमार को दोषी पाया।

कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में इनके नाम

कमिश्नर की ओर से भेजी गई जांच रिपोर्ट में तत्कालीन भूमि अध्याप्ति अधिकारी आशीष कुमार, मदन कुमार, सुल्तान अशरफ सिद्दीकी, राजीव पांडेय को जिम्मेदार माना गया है। इनके साथ ही एनएचएआई के तत्कालीन परियोजना निदेशक एआर चित्रांशी व बीपी पाठक को जिम्मेदार पाया गया है। एनएचएआई के साइट इंजीनियर पीयूष जैन व पारस त्यागी पर भी कार्रवाई होनी है। एनएचएआई की ओर से नामित एजेंसी साईं सिस्ट्रा ग्रुप के प्रतिनिधि उजैर अख्तर, एसए इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टेंसी लिमिटेड के प्रतिनिधि राजीव कुमार व सुनील कुमार दोषी पाए गए हैं। श्री शिवम सवेईंग सिस्टम , वैल्यूअर रविंद्र गंगवार व सुरेश कुमार गर्ग को भी दोषी माना गया है। पीलीभीत के तत्कालीन अधिशासी अभियंता उदय नारायण और एई सुरेंद्र कुमार समेत 23 कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। 19 पेशेवर खरीदारों के नाम भी भेजे गए हैं।

 

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