- ‘हवस का पुजारी’ सुना है, ‘हवस का मौलवी’ क्यों नहीं हो सकता: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
- बिहार में जमकर बरसे धीरेंद्र शास्त्री,
- बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का विवादित बयान।
- मौलाना शहाबुद्दीन ने बयान को नफरती बताया
Dhirendra Krishna Shastri News: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथाओं को देश के साथ-साथ विदेशों में भी खूब पसंद किया जाता है। बिहार के गया जिले में उन्होंने विवादास्पद बयान दिया है जिससे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा क्यों होता है कि हवस के पुजारी शब्द का इस्तेमाल किया जाता है, हवस के मौलवी शब्द का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता है, उन्होंने कहा कि प्रायोजित तरीके से हिंदुओं के दिमाग में ऐसे शब्द भरे गए, जबकि मुस्लिम मौलवियों की कभी बेइज्जती नहीं करते। वहीं पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के मौलाना शहाबुद्दीन ने धीरेंद्र कृष्ण के बयान को नफरती बताया।
बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सोमवार की रात बिहार के बोधगया में अनुयायियों को संबोधित करते हुए कहा कि सनातनी स्वयं अपने धर्म, संतों व तीर्थस्थलों का मजाक उड़ाते हैं। किसी मुसलमान को अपने धर्म का मजाक उड़ाते नहीं देखा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आगे बोले कि मुसलमान अपने मौलवियों को अपमानित नहीं करते, लेकिन हिंदू ऐसा करते हैं। वह किसी के विरोध में नहीं हैं लेकिन उन्होंने ‘हवस का पुजारी’ सुना है तो ‘हवस का मौलवी’ क्यों नहीं हो सकता। उन्होंने हिंदुओं से एकजुट होने की अपील की। बहुत ही प्रायोजित तरीके से हमारा ब्रेनवाश करने के लिए शब्दों को पहुंचाया जा रहा है और भरा जा रहा है इसलिए आज लोग श्राद्ध को भी हास्य समझते हैं। वह अपने 200 अनुयायियों को पिंडदान कराने के लिए बागेश्वर धाम से गया आए थे।
बिहार के बोधगया में भक्तों को कथा सुनाते हुए कहा, “हिंदुओं के खिलाफ बड़ी साजिश हुई है, आपने हवस का पुजारी सुना है, लेकिन हवस का मौलवी नहीं, हवस का मौलवी क्यों नहीं हो सकता?” उन्होंने कहा, हिंदुओं उन्होंने साजिश की और तुमने स्वीकार कर लिया है। मुसलमान अपने मौलवियों का अपमान नहीं करते हैं, लेकिन हिंदू ऐसा करते हैं। हम किसी के विरोध में नहीं हैं। प्रायोजित तरीके से लोगं का ब्रेन वॉश किया जा रहा है।