- अवैध तरीके से इन्द्राज़ को वक्फ़ संपत्ति ने किया निरस्त।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। वक्फ़ संपत्ति एक बड़ा खेला हो गया, ये खेला तो तब हो गया जबकि साल 2000 से ये पूरा मामला हाईकोर्ट में लंबित चल रहा है। इसके बावजूद शत्रु संपत्ति में वक्फ बोर्ड से सेटिंग गेटिंग करके इस संपत्ति पर नज़र रखने वाले एक प्रतिष्ठित स्कूल/बिल्डर और रेस्टोरेंट संचालक ने अवैध तरीके से 4 सिंतबर 2009 में चुपचाप तरीके से वक्फ बोर्ड के इन्द्राज़ से वक्फ नंबर-57ए और वक्फ़ नंबर 3503 को दफा 37 से निरस्त करा दिया और उसको प्राईवेट संपत्ति बना दिया। अब इसके चर्चाए सदर क्षेत्र में ज़ोरो पर है, चर्चा तो ये भी है कि इसको लेकर वक्फ बोर्ड में मोटा खेल भी हुआ है और इसमें मुतवल्ली से लेकर कैंट क्षेत्र के कुछ प्रभावशाली लोग भी शामिल है।
दरअसल होना तो ये चाहिए था कि यह संपत्ति भारत सरकार के अधीन चली जानी चाहिए थी, लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि प्रशासन ने भी मौन धारण कर लिया।
सदर क्षेत्र में करिअप्पा स्ट्रीट रजबन बाज़ार में बंगला नंबर 160 और 160ए है और इसमें मेरठ से लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मुकदमें लंबित चल रहे है, ये संपत्ति वक्फ नंबर-57ए में वक्फ बोर्ड पर दर्ज चली आती है और 20 फरवरी 1926 की वक्त डीड है, साल 1988 में कथित मुतवल्ली की बेटी गज़ाला राणा द्वारा इस संपत्ति का बैनामा करने की अनुमति को निरस्त कर दिया गया।
इसी बीच गज़ाला राणा ने इस संपत्ति को एक रेस्टोरेंट संचालक को अवैध रूप से बेच दिया जबकि इस पर कब्ज़ा एक प्रतिष्ठित स्कूल के संचालक का किरायेदार के रूप में चला आ रहा है। बड़ी बात ये है कि संपत्ति के कथित स्वामी के पाकिस्तान चले जाने के बाद संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक सही जानकारी को छिपाकर और वक्फ बोर्ड में सेटिंग गेटिंग करके इन्द्राज को निरस्त कर दिया।