- ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के इंदिरानगर हत्याकांड का खुलासा,
- पुलिस ने भाई उपेंद्र मिश्रा को किया गिरफ्तार।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। ब्रह्मपुरी के इंदिरानगर में हुए सुनीता हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा करते हुए मृतका के सगे भाई को गिरफ्तार किया है। आरोपी सेना से सेवानिवृत्त है और दिल्ली के डीएलएफ मॉल में नौकरी करता है। वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपी को हिरासत में लिया और लूट का सामान बरामद किया है। पूछताछ में आरोपी ने हत्या और लूट करना स्वीकार किया है।
गुरूवार को पुलिस लाइन में पत्रकारों के सामने घटना का खुलासा करते हुए एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि राधेश्याम मिश्रा परिवार के साथ इंदिरानगर गली-2 में रहते हैं। राधेश्याम ओटी टेक्नीशियन है। इनका बेटा गुरुग्राम में जॉब करता है। बेटी ने हाल ही में प्रेम विवाह किया था, जिसे लेकर परिजन नाराज थे। 21 जून की रात राधेश्याम की पत्नी सुनीता घर में अकेली थी। रात करीब 12 घर में घुसे एक बदमाश ने सुनीता की गोली मारकर हत्या कर दी और जेवरात-नकदी लूटकर फरार हो गया। कातिल रात करीब 12.26 बजे घर से निकला और घर में खड़ी राधेश्याम की बाइक का इस्तेमाल किया। कातिल ने बाइक को दिल्ली चुंगी के पास छोड़ दिया था। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास कैमरों की जांच की तो खुलासा हुआ कातिल कपड़े से अपना चेहरा लगातार छिपाए रहा। दिल्ली चुंगी पर बाइक खड़ी करने के बाद आरोपी मेट्रो प्लाजा से एक ई-रिक्शा में बैठ गया। ई-रिक्शा बेगमपुल की ओर गया। भैंसाली डिपो के आसपास आरोपी गायब हो गया।
मोबाइल लोकेशन के आधार पर सुनीता के भाई उपेंद्र मिश्रा को गिरफ्तार किया है। उपेंद्र आर्मी से रिटायर्ड है और दिल्ली के एक मॉल में जॉब करता है। दिल्ली बॉर्डर पर यह मॉल बताया गया है। पुलिस ने वीडियो फुटेज से आरोपी की कद काठी का मिलान किया, अन्य साक्ष्य जुटाए। उपेंद्र को गिरफ्तार कर पुलिस मेरठ ले आई। आरोपी की निशानदेही पर घर से लूटे कुछ जेवर भी बरामद हुए हैं, जिनकी पहचान राधेश्याम ने की है।
पूछताछ में उपेंद्र मिश्रा ने बताया कि उसकी बहन सुनीता की बेटी का विकास नाम के लड़के से प्रेम प्रसंग था। जिसके साथ वह भाग चुकी थी। इसके बाद जब वह बरामद हुई तो बहन ने अपनी बेटी को उसके साथ सुल्तानपुर भेज दिया, लेकिन रास्ते में ही वह बरेली स्टेशन से भाग गई और विकास के साथ दो साल पहले शादी कर ली। इसे लेकर उसकी बहन और जीजा उसे ही दोषी मानते हैं।
उपेंद्र ने बताया कि इन दिनों उसे पैसों की जरूरत थी, जिसके लिए उसने अपने जीजा से बात की तो उन्होंने मना कर दिया। घटना वाले दिन उसने शाम छह बजे अपनी बहन सुनीता को फोन मिलाया तो उसने भी रूपये देने से मना करते हुए उसे फिर से अपनी बेटी को लेकर ताना दिया। इसके बाद उसने बहन से कहा कि वह उसके घर आ रहा है। उसी दिन उसने सोच लिया था कि आज सारा मामला ही खत्म करना है।
उपेंद्र ने बताया कि वह रात में करीब नौ बजे अपनी बहन के यहां पहुंचा। बहन ने जैसे ही दरवाजा खोला, उसने उसके सिर पर पत्थर से वार कर बेहोश कर दिया और बेडरूम में जाकर लिटा दिया।
इसके बाद उसने सेफ खोलकर उसमें रखी ज्वैलरी और नकदी निकाल कर अपने बैग में रख ली। तभी वहां रखी लाइसेंसी रिवाल्वर को उठाकर उसने बेहोश बहन की कनपटी पर गोली
मारकर रिवाल्वर उसके हाथ में पकड़ा दिया। इसके बाद उसने घर के सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर और सुनीता का फोन भी अपने बैग में रख लिया। इसके बाद फ्रिज के ऊपर रखी जीजा की बुलेट बाइक की चाबी उठाकर बाइक से घर से निकल गया। लेकिन शक्ति पेट्रोल पंप के पास बाइक बंद हो गई। जिसे वह वहीं छोड़कर भैसाली बस अड्डा पहुंचा और बस पकड़ कर वापस दिल्ली चला गया।
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