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मेरठ: डबल मर्डर और लूट के मामले में पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, पढ़िए पूरी खबर

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मेरठ: डबल मर्डर और लूट के मामले में पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, पढ़िए पूरी खबर

  • डबल मर्डर और लूट के मामले में पुलिस का खुलासा,

  • पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया,

  • वेब सीरीज देखकर दिया था घटना को अंजाम,

  • 500 से ज्यादा सीसीटीवी फोटेज देख कर पकड़े बदमाश


शारदा न्यूज़, संवाददाता।


कहा जाता है कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो लेकिन कहीं ना कहीं वह। कुछ निशान छोड़ ही जाता है और मेरठ में भी कुछ ऐसा ही मामला देखने में आया जहां पुलिस ने अपराधियों द्वारा की गई 3 साल की प्लानिंग को तोड़ते हुए उन्हें गिरफ्तार किया।

दरअसल बता दें मेरठ में गुरुवार को स्पोर्ट्स व लोहा कारोबारी डीके जैन और उनकी पत्नी की हत्या और घर में लूट के मामले का पुलिस ने आज खुलासा किया। पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए 500 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे की फोटेज़ देखी और 10 टीम दो दिन तक आरोपियों को पकड़ने के लिए लगी रही। पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

आरोपियों ने बताया कि उन्होंने घटना को अंजाम देने के लिए पहले “असुर ” वेब सीरीज देखी और उसके बाद एक घर को चिन्हित किया और दो साल तक उन्होंने घर की रेकी की।

बता दें सुबह-सुबह घर में घुसकर लूट की घटना को अंजाम देने और व्यापारी दंपति को गोली मारने की घटना के बाद शहर में हड़कंप मचा गया और मामला लखनऊ तक जा पहुंचा जहां पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले को विधानसभा में उठाया और उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाए। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार भी एक्शन में आई और मेरठ पुलिस को सख्त दिशा निर्देश दिए।

घटना के बाद मेरठ के व्यापारियों में भी गुस्सा था और पुलिस पूरे जी-जान से मामले को खोलने में लगी थी और घटना के दो दिन बाद शनिवार को मेरठ पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जिसमें मुख्य आरोपी प्रियांक शर्मा उर्फ पुत्र आशुतोष शर्मा निवासी मेरठ उम्र 25 साल जो की एलएलबी 3rd ईयर का छात्र है और दूसरा उस का साथी यश शर्मा उर्फ यशु पुत्र सुरेंद्र निवासी मेरठ उम्र 24 साल जो की आठवीं पास है और मिस्त्री का काम करता है को गिरफ्तार किया। घटना का खुलासा करते हुए इसे लूट का माल भी बरामद कर लिया गया है।

 

पुलिस का कहना है कि पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वर्ष 2020 में उन्होंने वेब सीरीज “असुर” को देखने के बाद उनके मन में भी इस प्रकार की घटना कार्य करने का विचार आया । जिसके बाद उन्होंने घटना को अंजाम देने के लिए एक घर को चिन्हित किया और 2 साल तक इस घर पर निगाह रख रेकी करते रहे। पुलिस ने बताया कि डीके जैन का घर आरोपियों ने इसलिए चिन्हित किया क्योंकि उनके लिए यहां घटना को अंजाम देना आसान था। घर में दो बुजुर्ग रहते हैं जिनमें बुजुर्ग महिला सुबह मन्दिर चली जाती है घर के अन्य सदस्य मॉर्निंग वॉक पर चले जाते हैं और बच्चे स्कूल चले जाते थे। प्रातः 07.30 बजे से लेकर लगभग 08.15 बजे तक घर में कोई नहीं आता-जाता था तथा दरवाजे खुले रहते थे। दूधवाला भी आकर सीधे घर में चला जाता था और दूध स्वयं ही किचन में रखकर बाहर आ जाता था। इसके अतिरिक्त दरवाजा खुला होने के कारण बाहर से ही बेडरूम तक दिखाई देता था। इसलिए इस घर को चिन्हित किया गया। घर चिन्हित करने के बाद प्रियांक द्वारा बच्चों के स्कूल की रैकी की गयी तथा स्कूल आने का समय गर्मी और सर्दी का नोट किया गया ।

गाँधी पार्क के आसपास रैकी कर पार्क में आने व जाने का समय सर्दी व गर्मी के हिसाब से जानकारी की गयी। रास्ते में कई बार उनका पीछा करके घर से निकलने का मार्ग का एवं पार्क तक पहुचने में लगने वाले समय की जानकारी की गयी। इसके बाद दिसम्बर 2022 जनवरी, फरवरी 2023 में घर के आसपास लगातार रैकी की गयी तथा प्रत्येक सोमवार को जब बाजार बन्द रहता है, तब घर के सामने सडक पार दुकान के बरामदे में बैठकर मकान की कई सप्ताह तक निगरानी की गयी और घर में आने जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के विषय में जानकारी की गयी । इसी दौरान प्रियांक द्वारा उस ने यशु को लूट में मिलने वाले सामान में आधा हिस्सा देने का लालच देकर उसे भी घटना में शामिल होने के लिये तैयार किया गया । इस के बाद तीन माह में घटना के लिए आने व घटना के बाद भागने के मार्ग पर बीस से अधिक बार दोनों अभियुक्तों द्वारा भ्रमण कर ऐसा मार्ग चिन्हित किया गया जिसमें सीसीटीवी कैमरे की नजर में कम से कम आये। आने व जाने के लिए कैन्ट एरिया चुना गया क्योंकि शहर के अन्य हिस्सों की तुलना में कैन्ट क्षेत्र में कैमरों की संख्या कम है। पुलिस से बचने के लिए यू-ट्यूब पर देखकर घटना के दौरान बाइक का नम्बर प्लेट बदला गया, ग्लव्ज प्रयोग किये गये, मुँह पर मॉस्क लगाया गया और हेलमेट का प्रयोग किया गया । बाइक पर नम्बर प्लेट बदलने के दौरान ओएलएक्स पर देखकर इसी मॉडल की बाइक का नम्बर प्रयोग किया गया ताकि ऐप पर चैक करने पर यही बाइक प्रदर्शित हो । यू-ट्यूब पर ही उक्त अभियुक्तो द्वारा तिजोरी काटने के लिए ग्राइन्डर का प्रयोग करना सीखा गया तथा वर्ष 2022 में बागपत अड्डे के पास से ग्राइन्डर खरीदा गया । घटना से एक दिन पूर्व भी अभियुक्त प्रियांक द्वारा पीडित के घर में जाकर किराये पर कमरा लेने के बहाने से अन्दर भी रैकी की गयी थी।

घटना के दिन पूर्व योजना के अनुसार दोनों पूरी तैयारी से पूर्व निर्धारित मार्ग से 07.25 बजे पीडित के घर पहुचकर उक्त घटना कारित की गयी।

मेरठ के एसपी रोहित सिंह ने बताया कि घटना के बाद 10 टीम जिसमें 40 पुलिस वाले लगातार घटना का खुलासा करने के लिए लगे हुए थे और 500 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज जो रास्ते में थे उनको देखा गया जिसके बाद बदमाशों की पहचान की गई और फिर लगातार काम कर सीसीटीवी, इलैक्ट्रानिक सर्विलांस व स्थानीय मुखबिरी के आधार पर 48 घण्टे के अन्दर घटना का सफल अनावरण करते हुए अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गयी तथा लूटा गया सम्पूर्ण माल बरामद किया गया ।

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