Sunday, April 27, 2025
Homeउत्तर प्रदेशMeerutचंदन की जीत के बाद मीरापुर पर लगी सबकी निगाहें

चंदन की जीत के बाद मीरापुर पर लगी सबकी निगाहें

विधानसभा उपचुनाव: मीरापुर विधायक चंदन चौहान की बिजनौर लोकसभा सीट पर जीत के बाद अब इस विधानसभा में होगा उपचुनाव ।


अनुज मित्तल मेरठ। नई सरकार के गठन को लेकर जहां देश की राजनीति केंद्र में किसी सरकार बनेगी, इस तरफ केंद्रित है। वहीं मीरापुर विधानसभा के लिए भी बिसात बिछने लगी हैं। विधायक चंदन चौहान के बिजनौर लोकसभा से चुनाव जीतने के बाद, अब मीरापुर विधानसभा खाली हो गयी है। ऐसे में आगामी समय में होने वाले उपचुनाव को लेकर स्थानीय स्तर पर बिसात बिछना शुरू हो गई है।

विधानसभा चुनाव 2022 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और रालोद का गठबंधन था। इस गठबंधन के तहत मीरापुर सीट रालोद के खाते में गई और यहां पर चंदन चौहान चुनाव लड़े। गुर्जर-मुस्लिम समीकरण के बीच रालोद के जाट वोट बैंक ने यहां चंदन चौहान को जीत दिलाई।

चंदन चौहान ने 1,07,421 मत प्राप्त कर सजातीय भाजपा के प्रशांत चौधरी को 27,380 मतों के बड़े अंतर से हराया था। भाजपा के प्रशांत चौधरी को 80,041मत प्राप्त हुए थे, वहीं बसपा के सालिम कुरैशी को 23,997 मत और कांग्रेस के मौलाना जमील अहमद 1258 पर सिमट गये थे।

लेकिन इस बार मामला उलटा पड़ रहा है। चंदन चौहान बिजनौर से सांसद तो निर्वाचित हुए, लेकिन अपनी ही विधानसभा मीरापुर में उनकी जीत का आंकड़ा इस बार मात्र नौ हजार पर सिमट गया। यहां से चंदन चौहान को 72,320 मत और सपा के दीपक सैनी को 63,251 मत मिले हैं, जबकि बसपा के बिजेंद्र सिंह को 55 हजार के लगभग मत प्राप्त हुए हैं।

ऐसे में इस बार इस सीट पर माना जा रहा है कि रालोद का ही प्रत्याशी मैदान में होगा। लेकिन जीत आसान नही होगी। क्योंकि रालोद के भाजपा के साथ जाने से समीकरण पूरी तरह पलट गए हैं।

जीत से उत्साहित रालोद पार्टी के कई नाम चचार्ओं में हैं। जिनमे जिलाध्यक्ष संदीप मलिक, विनय प्रधान गुर्जर का नाम प्रमुख है। इनके अलावा अमित राठी, रमा नागर, डॉ.अमित ठाकरान आदि कई नाम लोगो की जुबान पर हैं।

इसके अलावा समाजवादी पार्टी में कादिर राणा, हाजी लियाकत कुरैशी, श्यामलाल बच्ची सैनी, अजय कुमार भोकरहेड़ी आदि नाम की चर्चा जारी है। कांग्रेस से डॉ. हाशिम रजा जैदी, विनोद गुर्जर आदि के नामों की चर्चा क्षेत्र में शुरू हो गयी है। वहीं नगीना से जीत दर्ज करने वाले चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता भी खुद को साबित करने के मूड में होंगे । ऐसे में जब बसपा उपचुनाव से किनारा करती है, तो आजाद समाज पार्टी के लिये खुद को साबित करने का मौका होगा।

 

वहीं मुजफ्फरनगर में मिली हार व कल क्या होगा के चिंतन में डूबे भाजपा के कार्यकर्ता शायद अभी इस बारे में ज्यादा गंभीर भले न हों। लेकिन कुछ समय के बाद मीरापुर विधानसभा को लेकर भाजपा भी बिसात बिछाए तो तो आश्चर्य नहीं होगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

ताजा खबर

Recent Comments