बिजनौर। अपर सत्र न्यायाधीश प्रकाश चंद्र शुक्ला ने सीजेएम कोर्ट में ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर की गई शाहनवाज की हत्या में सुमित को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 1.80 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड की राशि में से मृतक के परिजनों को प्रतिकर के रूप में 80 हजार और घायल कांस्टेबल मनीष कुमार को 60 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे।
शासकीय अधिवक्ता मुकेश चौहान के अनुसार कांस्टेबल विकास कुमार ने थाना कोतवाली शहर में इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया था कि वह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) बिजनौर की कोर्ट में पैरोकार थाना कोतवाली शहर तैनात है। वह रोज की तरह 17 दिसंबर 2019 को कोर्ट में आया, दोपहर में दिल्ली पुलिस के एएसआई हेतराम अपने साथी पुलिस कर्मियों के साथ दिल्ली की तिहाड़ जेल से शाहनवाज और जब्बार निवासी नजीबाबाद को अहसान हत्याकांड में पेशी के लिए न्यायालय में लेकर आए थे। दिल्ली पुलिस की कस्टडी में दोपहर 2:00 बजे दौरान पेशी न्यायालय में तीन व्यक्तियों ने एक राय होकर शाहनवाज एवं जब्बार पर अवैध पिस्तौल से ताबड़तोड़ फायरिंग की थी।
थाना कोतवाली शहर के दरोगा ओमकार सिंह, कोर्ट मोहर्रिर मनीष कुमार, कोर्ट मोहर्रिर मोहित अत्रि, सीजेएम के गनर रवि, कांस्टेबल विकास कुमार ने साहस का परिचय देते हुए तीनों आरोपियों साहिल, अकराज निवासी नजीबाबाद, सुमित निवासी लीलनखेड़ी जिला शामली को पकड़ लिया था। इस घटना में शामिल साहिल और अकराज के नाबालिग होने के कारण उनका मुकदमा किशोर न्याय बोर्ड भेजा गया है। मौजूदा में इस केस की सुनवाई पर
हाईकोर्ट का स्टे है। अदालत ने उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर सुमित को धारा 302 / 34 ,धारा 307 / 34 आईपीसी धारा 25 शस्त्र अधिनियम का दोषी पाते हुए सजा सुनाई।
दोहरे हत्याकांड का बदला लेने के लिए की थी शाहनवाज की हत्या
28 मई 2019 को नजीबाबाद के प्रॉपर्टी डीलर हाजी अहसान और उसके भांजे शादाब की उनके आॅफिस में घुसकर ही हत्या कर दी गई थी। आरोपी मिठाई के डिब्बे में हथियार लेकर पहुंचे थे। शाहनवाज ने शूटर जब्बार और दानिश से दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिलाया था। शाहनवाज पूर्वांचल के डॉन रहे मुख्तार अंसारी का करीबी बताया जाता था। उसने भी नजीबाबाद क्षेत्र में प्रॉपर्टी के कारोबार पर कब्जा करने के लिए हाजी अहसान को रास्ते से हटवा दिया था।इसके बाद शाहनवाज दिल्ली में गिरफ्तार हुआ था। दोहरे हत्याकांड की सुनवाई के लिए शाहनवाज को 17 दिसंबर 2019 को बिजनौर कोर्ट में लाया गया।