बूढ़ी गंगा की गुहार सुनने वाला जिले में कोई नही, पढ़िए पूरी खबर

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  • प्रियंक करेंगे 26 जनवरी को आमरण अनशन।
  • बूढ़ी गँगा प्राचीन भारत का गौरव।

शारदा न्यूज़, मेरठ। महाभारतकाल की साक्षी रही बूढी गंगा शायद अपने विकास की आश अब खो चुकी है। जी बूढ़ी गंगा के तट पर आज भी कार्तिक पूर्णिमा पर भव्य मेले का आयोजन होता है श्रद्धालु अपने पूर्वजों की याद में बूढ़ी गंगा के तट पर दीपदान करते है। वही बूढ़ी गंगा अपने अस्तित्व को लेकर अब हारती नजर आ रही है।

हाल ही में एनजीटी में भी बूढ़ी गंगा को लेकर जिलाअधिकारी को वर्चुअल कोर्ट में उपस्थित किया था एनजीटी ने बूढ़ी गंगा को पुनर्जीवित करने के आदेश भी दिए। एनजीटी के समक्ष डीएम ने 3 महीने का समय मांगा था । दूसरी तरफ बूढ़ी गंगा पर निर्माण का दौर पुनः प्रारंभ हो गया। प्रशासन निर्माण कर्ताओं को पूर्ण रूप से रोकने में नाकामयाब है । प्रियांक भारती 2 साल से लगातार निर्माण को लेकर शिकायत कर रहे हैं पर तहसील स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हालांकि मामला कोर्ट में भी है उसके बावजूद कोर्ट के आदेशों को भी दरकिनार किया जा रहा है।

बकौल प्रियांक भारती ने जिलाधिकारी मेरठ एवम मुख्यमंत्री को ट्वीट करते हुए कहा है कि वह 26 जनवरी 2024 में बूढ़ी गंगा को लेकर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे, बूढ़ी गंगा भारत के प्राचीन इतिहास की साक्षी है जब गंगा के साथ यह आलम है तो और पर कब्जो की स्थिति क्या होगी । प्रियंक का कहना है कि बूढ़ी गंगा की दुर्दशा को देखकर मन बड़ा व्यथित है । बड़ी बात तो यह है कि किसी भी स्तर पर कोई सुनवाई नही हो रही।

 

इतिहास के चिन्ह नही मिटने दूंगा

प्रियंक का कहना है कि प्राचीन इतिहास के साक्ष्यों को किसी भी हालत में मिटने नही दूंगा चाहे जो हो जाए। बूढ़ी गंगा महाभारतकाल की याद है हमारी धरोहर है।

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