मेरठ। गंगा, तमसा, सरयू, यमुना, मंदाकिनी, गोदावरी ऐसी नदियां है, जो रामायण काल के साथ ही भगवान श्रीराम के जीवन प्रसंगों से जुड़ी है। इन पवित्र नदियों का देश में विशेष स्थान है। गंगा को पृथ्वी पर लाने का श्रेय भागीरथ को है।
वाल्मिकी रामायण में वर्णित तमसा नदी मौसमी नदी है। रामायण पुराणों में प्रसिद्ध तमसा नदी अयोध्या (जिला फैजाबाद) से लगभग 12 मील दक्षिण में बहती लगभग 36 मील के बाद अकबरपुर के पास बिस्वी नदी से मिलती है। कहा जाता है श्री राम और उनके साथ लोगों ने तमसा नदी के तट पर रात बिताने और अगली सुबह यात्रा जारी रखने पर सहमत हुए। ऋषि वाल्मिकी का आश्रम तमसा नदी के तट पर था। तमसा नदी के तट पर भारद्वाज का आश्रम था, जिसका उल्लेख वाल्मिकी रामायण में किया गया है।
सरयू नदी श्रीराम के वनवास काल से उनके अयोध्या वापसी की साक्षी रही है। सरयू श्रीराम के जन्म से वनगमन और बैकुंठ गमन की साक्षी रही है। भगवान श्रीराम ने सरयू के तुप्तार घाट पर जल समाधि ली थी।