मेरठ। एसबीआई की टीमें कम रिवेन्यू और जीएसटी जमा करने वाले ईंट भट्ठा संचालकों के खिलाफ जल्द कार्रवाई करेंगी। मौजूदा वर्ष में भट्ठा संचालकों से मेरठ जोन में सबसे कम टैक्स वसूला गया है। जबकि पड़ोसी जिले गाजियाबाद व नोएडा में मेरठ के मुकाबले कहीं बेहतर टैक्स की वसूली हुई है। इसको लेकर राज्य कर आयुक्त मिनस्ति एस. ने टैक्स वसूली को लेकर अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की जिसमें मेरठ की खराब परफार्मेंस पर नाराजगी जाहिर की।
मेरठ जोन में मेरठ व बागपत में 585 ईंट-भट्ठा संचालित हैं। इसमें 343 भट्ठों में कोयले से ईंट बनाई जाती है। बाकी 242 भट्टों पर अन्य ईंधनों से ईंट का उत्पादन किया जाता है। जो भट्ठे कोयले से चलते हैं वह 12 प्रतिशत टैक्स देते हैं और इनपुट टैक्स क्रेडिट भी लेते हैं। जबकि जो बिना कोयले से चलने वाले भट्ठे 6 प्रतिशत टैक्स देते हैं। समीक्षा के दौरान पाया गया कि मेरठ जिले में अन्य जिलों की अपेक्षा भट्ठों से सबसे कम टैक्स आ रहा है।
राज्य कर आयुक्त का कहना था कि जो भट्ठा संचालक इनपुट टैक्स क्रेडिट ले रहे हैं वह निश्चित रूप से अधिक ईंटों का उत्पादन भी कर रहे होंगे। कमिश्नर की नाराजगी के बाद मेरठ जोन के अफसर भी सक्रिय हो गए हैं। जोन के ऐसे भट्ठों को चिह्नित किया जा रहा है, जिन्होंने कोयले के मुकाबले कम ईंटों का उत्पादन किया।