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Friday, November 14, 2025
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जेके समूह के संयुक्त उद्यम से 85 करोड़ की धोखाधड़ी

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  • विक्रेताओं को भुगतान के बहाने निकाला धन, आनंद प्रकाशम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज।

कानपुर। फीलखाना पुलिस ने जेके समूह की कंपनी न्यूमेश लैब्स प्राइवेट लिमिटेड के सह निदेशक आनंद प्रकाशम पर धन का दुरुपयोग, धोखाधड़ी, जालसाजी, झूठे दस्तावेज बनाने समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। यह कार्रवाई कंपनी के निदेशक पार्थो कर की शिकायत पर हुई है। उनके मुताबिक आनंद प्रकाशम द्वारा कंपनी को 85 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाए जाने का अनुमान है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। डीडी रोड कमला टावर निवासी पार्थो कर के मुताबिक न्यूमेश की स्थापना वर्ष 2021 में जेके इंटरप्राइजेट लिमिटेड और एडिटिव 3डी प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त उद्यम के रूप में हुई थी। एडिटिव 3डी प्राइवेट लिमिटेड ईओएस पीटीई लिमिटेड सिंगापुर से संबद्ध है। उस समय आनंद प्रकाशम की ईओएस जर्मनी के साथ लंबी साझेदारी थी।

उसने स्वयं को यूएस जर्मनी का भारत प्रमुख बताया था। निदेशक के मुताबिक आनंद प्रकाशम ने बताया था कि ईओएस जर्मनी न्यूमेश में प्रत्यक्ष शेयरधारक नहीं बनना चाहती थी। इसलिए ईओएस सिंगापुर के जरिए एडिटिव थ्रीडी पीटीआई लिमिटेड को संयुक्त उद्यम में जोड़ा गया। श्री पार्थो के मुताबिक जनवरी 2025 में उन्हें कंपनी के लेनदेन में कुछ अनियमितताएं मिलीं।

जांच में उन्हें पता चला कि आनंद प्रकाशम ने विक्रेता भुगतान के बहाने कंपनी से धन निकाला और भुगतान से संबंधित फर्जी रसीदें जमा कराईं। वास्तविकता में विक्रेताओं को किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया। इस वजह से कंपनी को 85 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ। निदेशक के मुताबिक मामले को कई बार आंतरिक रूप से सुलझाने का प्रयास किया गया, लेकिन आनंद प्रकाशम चर्चा करने से बचता रहा।

साथ ही, उसने उनके परिवार ने कंपनी और अन्य पदाधिकारियों को कानूनी कार्रवाई की धमकी दी। अब अप्रैल 2025 से अनुपलब्ध हैं। ऐसे में उनका फरार होना प्रतीत होता है। श्री पार्थो के मुताबिक जांच में सामने आया है कि ईओएस जर्मनी ने आधिकारिक रूप से स्पष्ट किया है कि उन्होंने आनंद प्रकाशम को भारत में अपने प्रतिनिधि के रूप में किसी भी अनुबंध पर हस्ताक्षर के लिए नियुक्त नहीं किया था।

उनके लगाए गए कुछ ग्राहक भुगतान करने में विफल रहे, जबकि उन्होंने न्यूमेश से सेवाएं और मशीनें प्राप्त कर ली थीं। फीलखाना थाना प्रभारी रवींद्र प्रताप सिंह ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में निदेशक पार्थो कर से फोन पर बात की गई, तो उन्होंने इस संबंध में कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया।

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