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Wednesday, December 24, 2025
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भारत में एचएमपीवी के 7 मामलों की पुष्टि, राज्य सरकारें अब अलर्ट पर

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एजेंसी, नई दिल्ली। चीन के बाद भारत में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। मंगलवार को नागपुर में दो और केस मिलने के बाद कुल तादाद बढ़कर 7 हो गई है। पहला मामला सोमवार को बेंगलुरु में पाया गया था। तेजी के साथ बढ़ रही मरीजों की तादाद को देखते हुए एक तरफ जहां हेल्थ मिनिस्ट्री अलर्ट हो गई है, वहीं आम लोगों को एक बार फिर कोरोना का दौर याद आ गया है और डर गए हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है।
बेंगलुरु में दो मामलों के बाद गुजरात के अहमदाबाद में भी 2 महीने के एक बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। साथ ही तमिलनाडु में भी दो बच्चों में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है। इसमें से एक चेन्नई का मामला है तो दूसरा सलेम जिले का। सरकार ने बताया कि दोनों की स्थिति स्थिर है और दोनों पर निगरानी रखी जा रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आने के बाद कहा कि सरकार इस स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और इसको लेकर किसी भी प्रकार की चिंता की बात नहीं है। उन्होंने बताया कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और देश में सामान्य श्वसन वायरस में कोई अप्रत्याशित वृद्धि नहीं देखी गई है। एचएमपीवी पहले से ही भारत सहित विश्व स्तर पर देखने को मिल रहा है। वहीं एचएमपीवी से जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले विभिन्न देशों, विशेष रूप से चीन में रिपोर्ट किए गए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, एचएमपीवी वायरस मुख्य रूप से पीड़ित व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही होते हैं। हालांकि, ये वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को संक्रमित करता है। तमिलनाडु सरकार ने ह्यूमेन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के बारे में जानकारी दी है कि राज्य में इसके दो मामले सामने आए हैं। एक चेन्नई और एक सलेम में इस वायरस के संक्रमित पाए गए हैं।

कोई टीका उपलब्ध नहीं

फिलहाल एचएमपीवी के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा या टीका उपलब्ध नहीं है। उपचार सहायक होता है और संक्रमण की गंभीरता पर निर्भर करता है। हल्के मामलों में आराम और बुखार, नाक बंद होने की समस्याओं के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं प्रभावी होती हैं।

 

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