एजेंसी, नई दिल्ली : देश आज आपातकाल की 50वीं बरसी मना रहा है। इंदिरा गांधी सरकार ने 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लागू कर दिया था। आपातकाल के आदेश पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने दस्तखत किए थे। आपातकाल के दौरान भारत में मीडिया पर भी कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई थीं। अखबारों और पत्रिकाओं में खबरें प्रकाशित करने से पहले अधिकारियों से इजाजत लेनी पड़ती थी। इसका भारत की मीडिया ने डटकर मुकाबला किया था। पूरे आपातकाल के दौरान देश में दो सौ से अधिक पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था
आपातकाल की घोषणा होते ही पुलिस और अधिकारी सक्रिय हो गए थे. आपातकाल से जुड़ी खबरें सामने न आने पाए इसके लिए इंदिरा गांधी की सरकार ने कई तरह के उपाए किए थे। इनमें से एक अखबारों की बिजली काट देना। इसके पीछे की सोच यह थी कि जब बिजली ही नहीं रहेगी तो मशीने नहीं चल पाएंगी। जब मशीनें नहीं चल पाएंगी तो अखबार कैसे छपेगा।
दिल्ली में बहादुर शाह जफर रोड पर अधिकांश अखबारों के दफ्तर हैं। ऐसे में दिल्ली में सरकार ने इस रोड पर स्थिति अखबारों के दफ्तरों की बिजली काट दी थी। इसके अलावा सरकार ने अखबारों और पत्रिकाओं को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए उनको मिलने वाले सरकारी विज्ञापनों पर रोक लगा दी थी।