- धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान ने उनकी प्रतिमा के पास किया कार्यक्रम।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ द्वारा धनसिंह कोतवाल जी की संघर्षगाथा और शहादत को नमन करने के लिए माल्यार्पण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर क्रांति नायक धन सिंह कोतवाल के प्रपोत्र तस्वीर सिंह चपराना ने बताया कि आज ही के दिन 4 जुलाई 1857 की रात को अंग्रेजी खाकी रिसाले ने कोतवाल धनसिंह तथा उसके गांव पांचली खुर्द पर तोपों से आक्रमण कर दिया था। इस खाकी रिसाले में 10 तोपें, 58 घुड़सवार तथा 38 पैदल सिपाही थे, इसके अतिरिक्त 100 राइफल धारी तथा 60 कार्बनधारी सैनिक साथ थे, कुल मिलाकर अंग्रेजी सेना के 300 सैनिक थे। जिनमें दो तिहाई यूरोपियन थे। पूरे गांव को तोपो से उड़ा दिया गया। जिसमें 400 से ज्यादा आदमी मारे गए। गांव में जो आदमी किसी तरह से बच गए उनमें से 46 लोगों को पकड़कर उनमें से 40 को फांसी की सजा देकर कई दिनों तक पेड़ों पर लटकाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी ने इस अवसर पर कहा कि कोतवाल धनसिंह की शहादत भारतीय इतिहास में अविस्मरणीय है। सरकार भी धनसिंह कोतवाल को विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा नमन कर रही है। आज मेरठ में उनके नाम पर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, शहीद स्मारक में प्रतिमा, सदर थाना में प्रतिमा, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में प्रतिमा तथा अनेक अन्य प्रतिष्ठानों का नाम धनसिंह कोतवाल के नाम पर रखकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए हैं।
भाजपा महामंत्री अंकुर मुखिया ने कहा कि अंग्रेजी शासन में कोतवाल का पद भारतीयों को प्राप्त सबसे बड़ा पद था और धनसिंह कोतवाल जी ने सबसे बड़े पद को त्याग कर दिया भारत माता की आजादी के लिए। अध्यक्षता कर रहे सरबजीत सिंह कपूर ने कहा कि क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल जी को पाठ्य पुस्तक में शामिल कराया जाए। यह माल्यार्पण कार्यक्रम सदर थाना बाजार, उसके बाद शहीद स्मारक पर कोतवाल की प्रतिमा, कमिश्नर चौराहे पर धन सिंह कोतवाल की प्रतिमा तथा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अंदर स्थापित धनसिंह कोतवाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कार्यक्रम कार्य करके संपन्न हुआ।
इस दौरान प्रोफेसर देवेश सिंह शर्मा, डीएसपी बले सिंह, पूर्व डीएसपी राजेंद्र सिंह, सुरेंद्र वर्मा, कैप्टन सुभाष चंद्र, अशोक चौधरी, सत्येंद्र भड़ाना आदि रहे।