- आइसीसी के विवादित से नियम जीत का हुआ फैसला।
वर्ल्ड कप क्रिकेट काउंट डाउन 12:
आखिरकार इंग्लैंड को वर्ल्ड कप जीतने का मौका मिल गया। इस बार हार जीत का फैसला रन और विकेट से नही बल्कि आईसीसी के एक विवादित नियम के कारण हुआ। फाइनल में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को इसी आधार पर हरा कर खिताब जीता था।
इंग्लैंड की ओर से स्टार बने ऑलराउंडर बेन स्टोक्स जिन्होंने खिताबी मुकाबले में 98 गेंद पर नाबाद 84 रन की पारी खेली. उन्हें इस ऐतिहासिक पारी के लिए ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया. था. आईसीसी के इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में कुल 578 रन बनाने वाले न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था। निर्धारित ओवर में दोनो टीमों ने 241 रन बनाए।
इसके बाद परिणाम के लिए मुकाबला सुपर ओवर में पहुंचा जहां मेजबान इंग्लैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 15 रन बनाए। इंग्लैंड की ओर से स्टोक्स ने 8 और जोस बटलर ने 7 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम ने भी 15 रन बनाए जिसमें ओपनर मार्टिन गुप्टिल का एक रन और जेम्स नीशम का 13 रन शामिल था। एक रन वाइड का मिला।इस तरह एक बार फिर मैच टाई हो गया।
भारतीय ओपनर रोहित शर्मा ने विश्व कप की नौ पारियों में 648 रन बनाए। इसमें पांच शतक और एक अर्द्धशतक रहा। इतिहास में पहली बार किसी खिलाड़ी ने विश्व कप में पांच शतक जड़े। इससे पहले श्रीलंका के कुमार संगकारा ने 2015 में चार शतक लगाए थे।
ऑस्ट्रेलियाई लेफ्ट आर्म पेसर मिचेल स्टार्क ने विश्व कप में 27 विकेट लेकर एक संस्करण में सर्वाधिक विकेट लेने की 13 साल पहले बने रिकॉर्ड की बराबरी की। उन्होंने दो बार पांच-पांच विकेट भी लिए। उनसे पहले ऑस्ट्रेलिया के ही ग्लेन मैक्ग्रा ने 2007 में 27 विकेट झटके थे।
टाई मुकाबले का फैसला
सुपर ओवर में दोनो टीमों ने पंद्रह पंद्रह रन बनाए। फिर मैच टाई हो गया। इसके बाद चौके और छक्के के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया।
सुपर ओवर का रोमांच
सुपर ओवर में इंग्लैंड की ओर से बटलर और स्टोक्स क्रीज पर उतरे वहीं कीवी कप्तान ने एक बार फिर बोल्ट को गेंद थमाई। पहली ही गेंद पर स्टोक्स ने तीन रन बनाए और दूसरी गेंद पर बटलर एक ही रन बना सके। इसके बाद तीसरी गेंद पर स्टोक्स ने मिडविकेट पर चौका जड़ इंग्लैंड को 8 रनों तक पहुंचा दिया। अंतिम गेंद पर बटलर ने चौका लगाकर इंग्लैंड का स्कोर 15 रन तक पहुंचाया।
न्यूजीलैंड के लिए जिम्मी नीशम और मार्टिन गप्टिल बल्लेबाजी करने उतरे। उनके सामने थे तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर। आर्चर ने पहली गेंद वाइड फेंकी और दूसरी गेंद पर नीशम ने दो रन बनाए। इसके बाद नीशम ने आर्चर की दूसरी गेंद पर छक्का जड़ न्यूजीलैंड को मैच में ला खड़ा किया। तीसरी गेंद पर नीशम ने फिर 3 रन बनाए और अब अंतिम दो गेंदों पर न्यूजीलैंड को 5 रन चाहिए थे।अगली दो गेंदों पर आर्चर ने 3 ही रन दिये और अंतिम गेंद पर न्यूजीलैंड को दो रनों की दरकार थी।
स्ट्राइक पर मार्टिन गप्टिल थे लेकिन अंतिम गेंद पर गप्टिल दो रन बनाने के फेर में रन आउट हो गए और सुपर ओवर भी टाई हो गया. लेकिन आईसीसी के नियम के मुताबिक ज्यादा बाउंड्री लगाने वाली इंग्लैंड की टीम को वर्ल्ड चैंपियन घोषित कर दिया गया। मुकाबले में न्यूजीलैंड ने 2 छक्के, 14 चौके जमाए थे और इंग्लैंड ने 2 छक्के और 22 चौके जड़े थे। इस तरह बाउंड्री नियम के आधार पर इंग्लैंड ने पहली बार वर्ल्ड कप अपने नाम किया।