– दिवाली बीतने के बाद भी नहीं सुधर रही हवा की गुणवत्ता
– चार दिन और बने रहेंगे इसी तरह के हालात
– दिल्ली एनसीआर के वातावरण में बना धुएं का गुबार
शारदा न्यूज, मेरठ।
देश की राजधानी समेत मेरठ व पूरे उत्तर भारत में दिवाली पर आतिशबाजी के कारण आसमान में छाए धुएं के गुबार से गैस चैंबर जैसे हालात बन गए हैं। वेस्ट यूपी के अधिकांश शहरों में 72 घंटे बाद भी हवा की गुणवत्ता खराब से अत्यधिक खराब श्रेणी में बनी हुई है।
– पांच सौ तक पहुंच गया पीएम-10 व 2.5 का स्तर
मेरठ के जयभीम नगर में पीएम- 10 एवं पीएम 2.5 का स्तर अधिकतम सीमा पांच सौ पर रहा। गंगानगर और पल्लवपुरम में भी हवा सांस लेने लायक नहीं है। अभी चार दिन और इस तरह के हालात बने रहने के आसार है। सुबह और शाम को तापमान में कमी से आसमान में छाई धुएं की चादर से स्मॉग की स्थितियां बनने लगी हैं। बाहर निकलने पर आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी होने लगी है।
– एक्यू-आई का स्तर
पश्चिम उप्र के लगभग सभी जिले इस समय भारी प्रदूषण की चपेट में है। इनमें एक्यूआई का स्तर कम नहीं हो रहा है। बुधवार को मेरठ का एक्यूआई 351, बागपत 383, गाजियाबाद 356, ग्रेटर नोएडा 348, हापुड़ 283, मुरादाबाद 223, मुजफ्फरनगर 202, नोएडा 364 रहा जबकि दिल्ली के साथ दस और महानगर भी प्रदूषण की चपेट में है। दिवाली के बाद से वेस्ट यूपी के शहरों में हवा की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। इस दौरान बागपत नोएडा गाजियाबाद से भी ज्यादा प्रदूषित रहा। हापुड़ और मुरादाबाद में भी हवा खराब श्रेणी में बनी हुई है।
– रात का तापमान गिरा
पश्चिम यूपी समेत राजधानी दिल्ली में भी रात का तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया है। मंगलवार की रात के सापेक्ष बुधवार दिन में 1.3 डिग्री की गिरावट दर्ज हुई। अगले तीन-चार दिनों में मेरठ में रात का तापमान दस डिग्री से नीचे जा सकता है।
– देश के बड़े शहरों में भी हवा सांस लेने लायक नहीं
पटाखों का प्रदूषण दिल्ली तक ही सीमित नहीं था, बल्कि 10 प्रदेशों की राजधानियों में भी नजर आया। कुल 11 महानगरों में दीपावली से एक दिन पहले की तुलना में प्रदूषण में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई। एनसीएपी ट्रैकर ने वर्ष 2022 और 2023 में दीपावली से एक दिन पहले, दीपावली वाले दिन और इस त्यौहार के अगले दिन (अपराह्न 12 बजे तक) देश के 11 राज्यों के राजधानियों बेंगलुरु, भोपाल, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गांधीनगर, हैदराबाद, लखनऊ, मुंबई और पटना में पीएम 2.5 के स्तरों का विश्लेषण किया।
– सांस के रोगी बढ़े
बढ़ते प्रदूषण की वजह से बड़ी संख्या में सांस के मरीज डाक्टरों के पास पहुंच रहे हैं। हवा की गति शांत होने से हालात और बिगड़ने की आशंका है। प्रदूषण से वेस्ट यूपी के शहर गैस चेंबर बन गए हैं। दिवाली के अगले दिन सोमवार की रात नवंबर में सबसे ठंडी और प्रदूषित रही।