मैककुलम की बैजबॉल योजना भारी पड़ी अंग्रेजों पर

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  • पहली बार स्टोक्स को सीरीज गंवानी पड़ी

मौके की नजाकत

 

Editor Gyan Prakash
ज्ञान प्रकाश, समूह संपादक |

     भारत को उसकी धरती पर टेस्ट सीरीज हराना कोई आसान काम नहीं है। इसके लिये भारतीय स्पिनरों के जाल से खुद को बचाने की कला में पारंगत होना बेहद जरुरी है। इंग्लैंड अपने कोच ब्रैंडम मैकमुलन की बैजबॉल तकनीक को लेकर भारत को सीरीज हराने का सपना लेकर आई थी। हैदराबाद में खेले गए पहले मैच में इंग्लैंड को बैजबाल के सहारे 28 रनों से मैच जीत लिया था लेकिन अगले तीन मैचों में उनको शिकस्त का सामना करना पड़ा और सीरीज भी 3-1 से गंवा दी।

     मैककुलम को इस बात की उम्मीद थी कि शुरुआती ओवरों में ताबड़तोड़ बैटिंग करके सामने वाली टीम को दवाब में लाकर मैच में पकड़ बनाई जा सकती है। इस काम को इंग्लैंड के ओपनर क्रोली ने बखूबी निभाया लेकिन उनके साथ के ओपनर बैन डकैट एक पारी में शतक लगाने के बाद कोई खास योगदान नहीं कर पाए। दरअसल अभी तक हुए चार मैचों में इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने मिलकर अच्छा परफारमेंस नहीं किया। किसी मैच में पोप चले तो किसी मैच में रुट। कभी ब्रेयरस्टो या फिर फोक्स का बल्ला चला लेकिन टीम ने सामूहिक दबाव डालने की कोशिश नहीं की। चौथे मैच में इंग्लैंड ने भारत को दबाब में लेने की कोशिश तो बहुत की लेकिन जिस तरह से दूसरी पारी में पूरी टीम 145 रनों पर ढेर हुई उसने पानी फेर दिया। हांलाकि अभी तक इंग्लैंड के स्पिनर टॉम हार्टली, शोएब बशीर और रियान अहमद के अलावा जो रुट ने अच्छी स्पिन का प्रदर्शन किया लेकिन भारतीय स्पिनरों अश्विन, जडेजा, कुलदीप और अक्षर पटेल के स्तर की गेंदबाजी नहीं कर पाए।

खुद रोहित शर्मा ने भी कहा कि यह एक कठिन सीरीज थी, लेकिन मैं अपने सभी खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ पर गर्व करता हूं। मैं बहुत खुश हूं। सभी युवा खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में बहुत मेहनत करके आए हैं और उन्होंने दिखाया कि वे डिजर्व करते हैं। मेरा और राहुल (द्रविड़) भाई का काम है कि उन्हें सकारात्मक माहौल दें। जुरेल ने दो शानदार पारियां खेलीं, यह उनकी मेच्योरिटी को दिखाता है। अपने महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को मिस करना दुर्भाग्यपूर्ण है। युवा खिलाड़ियों पर बाहर से बहुत दबाव होता है, लेकिन सबने अच्छे से रिस्पॉन्ड किया। इन युवा खिलाड़ियों ने दिखाया कि वे इस स्टेज के लिए तैयार हैं। हम धर्मशाला का भी मैच जीतने के लिए ही जाएंगे। शुभमन गिल ने अर्धशतक लगाया लेकिन जुरेल ने जिस तरीके से दोनों पारियों में बल्लेबाजी की है, यह टेस्ट उनके लिए ही लंबे समय तक याद किया जाएगा। आकाश दीप का ड्रीम डेब्यू, भारत के तीनों स्पिनरों को चलना और जुरेल की दोनों पारियां इस मैच की हाइलाइट्स रहेंगी। बशीर ने आज लंच के बाद लगातार दो विकेट लेकर इंग्लैंड को मैच में वापसी कराने की कोशिश की थी, लेकिन गिल और जुरेल ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। भारत अब सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त ले चुका है। अब धर्मशाला का मैच डेड रबर होगा।

इंग्लैंड के कप्तान बैन स्टोक्स ने कहा अगर आप स्कोरकार्ड देखेंगे तो लगेगा भारत आसानी से पांच विकेट से जीत गया। लेकिन पूरी कहानी यह नहीं है। हमने हर दिन उन्हें टक्कर दिया। इस युवा उम्र में बशीर और हार्टली शानदार थे। मैं टेस्ट क्रिकेट से प्यार करता हूं, टेस्ट क्रिकेट का बहुत बड़ा फैन हूं और जिस तरह से हम दोनों टीमों ने यह सीरीज खेली है, यह टेस्ट क्रिकेट की महत्व को दिखलाता है। कुलदीप, अश्विन, जाडेजा ने बेहतरीन गेंदबाजी की और उन्होंने हमारा रन बनाना मुश्किल कर दिया।

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