– सुप्रीम कोर्ट ने जेल भेजने के दिए आदेश


शारदा रिपोर्टर

मेरठ। जिस व्यक्ति पर तीन लोगों की हत्या का आरोप लगा हो और कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा दे रखी हो वो अब भाजपा नेता बन कर पोस्टरों पर छाया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस आरोपी को तीन सप्ताह के अंदर जेल भेजने के आदेश दिए है।

तिहरे हत्याकांड का आरोपी नदीम कालिया बना भाजपा नेता
मेरठ कोर्ट से सुनाई गई थी फांसी की सजा।

मेरठ कोतवाली थाना क्षेत्र के मोहल्ला बनी सराय में तिहरे हत्याकांड का आरोपी नदीम उर्फ कालिया भाजपा में शामिल हो गया है। कालिया के मेरठ में जगह-जगह भाजपा के दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री सुनील भराला के साथ होर्डिंग लगे हुए हैं। कालिया को मेरठ कोर्ट से फांसी की सजा सुनाई गई थी जिसके बाद उसे अन्य आरोपियों के साथ आगरा जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। जहां कालिया ने खुद को नाबालिग साबित करा कर बरी करा लिया था,लेकिन पीड़ित की अपील के बाद कालिया की फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया गया था।तभी से कालिया जेल से बाहर है। दो महीने पहले कालिया के खिलाफ लिसाड़ी गेट थाने में रंगदारी का भी मुकदमा दर्ज हो चुका है।

गौरतलब है कि कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मोहल्ला बनी सराय में 7 जून 2003 को नदीम उर्फ कालिया ने अपने भाई मुन्ना, खालिद, मोइनुद्दीन और की ढवाईनगर के रहने वाले रिश्तेदार ताहिर के साथ मिलकर डॉक्टर नसीरुद्दीन उनके बेटे प्रिंस उर्फ गुलाम सहित हसीन उर्फ गुड्डू को मौत के घाट उतार दिया था। वही हमले में चार लोग गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे। मृतक के परिवार वालों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा कायम कर जेल भेज दिया था, वर्ष 2008 में पांचो हत्या के आरोपियों को मेरठ कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी थी, इसके बाद आरोपियों के परिवार वालों ने कोर्ट परिसर में जमकर तोड़फोड़ कर दी थी। इसी के चलते सभी आरोपियों को मेरठ जेल से आगरा की जेल में शिफ्ट कर दिया था। वही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फांसी की सजा को उम्र कैद सजा में बदल दिया था। करीब तीन साल पहले नदीम ने खुद को नाबालिग बताया था और सीएमओ की रिपोर्ट भी पेश की थी जिसमे नदीम की उस समय की उम्र 15 वर्ष बताई गई थी। नाबालिग होने के चलते कोर्ट ने नदीम को बरी कर दिया गया था। तभी से नदीम उर्फ कालिया जेल से बाहर है। जिसके खिलाफ पीड़ित पक्ष ने अपील की अपील के दौरान पीड़ित पक्ष ने बताया कि नदीम के नाम पर 2003 में ही शस्त्र लाइसेंस बन गया था। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए नदीम को बालिग माना और उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा। नदीम उर्फ कालिया ने पूर्व में रहे कोतवाली थाना प्रभारी का माला पहनकर स्वागत भी किया था जिसके बाद पीड़ित पक्ष ने बवाल कर दिया था। दो महीने पहले नदीम ने लिसाड़ी गेट के लोहरपुरा में एक महिला के मकान पर कब्जा करने का प्रयास किया पुलिस ने कालिया के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा कायम कर दिया।

वहीं 5 दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि नदीम उर्फ कालिया को तीन हफ्ते के अंदर जेल भेजा जाए। सुप्रीम कोर्ट का आदेश जारी होने के तुरंत बाद कालिया ने भाजपा के दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री सुनील भराला के साथ मेरठ में जगह-जगह अपने होर्डिंग लगा दिए। पूरे शहर में इस तरह के होर्डिंग चर्चा में छाए हुए है।

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