उत्तराखंड: जंगलों में लगी आग की वजह से काफी बड़ा इलाका जलकर राख हो गया है। इसकी वजह से कुछ जगहों पर यातायात भी बाधित हुआ है।
उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग ने शुक्रवार (26 अप्रैल) को भीषण रूप ले लिया। आग इतना भयंकर थी कि इसकी लपटें नैनीताल की हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गईं। आग पर काबू पाने के लिए नैनीताल प्रशासन ने वन विभाग के कर्मचारियों और सेना के जवानों को बुलाया है। अगर हालात काबू से बाहर हो जाते हैं, तो अग्निशमन अभियान में हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा सकती है। ऐसे में आइए आग से जुड़े 10 अपडेट्स जानते हैं।
#WATCH नैनीताल, उत्तराखंड: नैनीताल के जंगल में लगी आग बुझाने के लिए भारतीय वायु सेना ने MI-17 हेलीकॉप्टर से पानी का छिड़काव किया। pic.twitter.com/YG6SWxqBxx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 27, 2024
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नैनीताल के जिला मुख्यालय के पास लगी आग से पाइंस इलाके में स्थित हाईकोर्ट कॉलोनी के निवासियों के लिए खतरा पैदा हो गया है। इससे यातायात भी बाधित हुआ है।
समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “आग ने द पाइंस के पास स्थित एक पुराने और खाली घर को अपनी चपेट में ले लिया है. इससे हाईकोर्ट कॉलोनी को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह खतरनाक तरीके से इमारतों के करीब पहुंचने लगी है। शाम से ही आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है”
आग के विकराल रूप को लेकर काफी ज्यादा आशंकाएं जताई जा रही हैं। इस बात की भी संभावना जताई गई है कि आग की लपटें पाइंस क्षेत्र में मौजूद सेना की लोकेशन तक पहुंच सकती है।
जंगल में लगी आग की वजह से नैनीताल जिला प्रशासन ने नैनी झील में बोटिंग पर बैन लगा दिया है. इसकी वजह से यहां घूमने आए सैलानी काफी ज्यादा निराश हैं।
आग बुझाने के लिए नैनीताल प्रशासन ने 42 कर्मियों को तैनात किया है। नैनीताल के प्रभागीय वन अधिकारी चन्द्रशेखर जोशी ने पीटीआई को बताया, “हमने आग बुझाने के लिए मनोरा रेंज के 40 कर्मियों और दो वन रेंजरों को तैनात किया है।”
उत्तराखंड के वन विभाग ने कहा है कि 24 घंटों में राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में जंगल में आग लगने की 26 और गढ़वाल क्षेत्र में पांच घटनाएं सामने आईं। आग की वजह से 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र जलकर राख हुआ है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 1 नवंबर से राज्य में जंगल में आग लगने की कुल 575 घटनाएं सामने आई हैं, जिससे 689.89 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ और राज्य को 14 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
उत्तराखंड के अधिकारियों ने जखोली और रुद्रप्रयाग में जंगल में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। रुद्रप्रयाग के प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि जंगल की आग को रोकने के लिए गठित टीम के जरिए गिरफ्तारियां की गई हैं।
गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक जखोली के तड़ियाल गांव का नरेश भट्ट था। पुलिस ने नरेश को जंगल में आग लगाते हुए पकड़ा था। बताया गया है कि उसने आग इसलिए लगाई ताकि उसकी भेड़ों को नई घास मिल सके।
#WATCH देहरादून, उत्तराखंड: नैनीताल के जंगलों में लगी आग पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "जंगलों की आग हमारे लिए बड़ी चुनौती है… हम इस पर लगातार काम कर रहे हैं। हमने सेना से भी मदद ली है… जल्द से जल्द इस आग पर काबू पाया जाए, ये हमारा प्रयास रहेगा। हम इस… pic.twitter.com/AZeb6VM4HE
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रशासन को अलर्ट पर रहने और जंगल की आग को रोकने के लिए उपाय करने को कहा है।