मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों खर्च, फिर भी शहर में अंधेरा !

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  • महानगर की सड़कों और गलीयों में आधी से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें पड़ी हुई हैं खराब,
  • बना रहता दुघर्टनाओं का खतरा।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। मेन रोड, चौराहे, मोहल्ले या गलियां, शाम होते ही शहर के अधिकांश इलाकों अंधेरा पसर जाता है। ऐसा शहर के अधिकांश इलाकों में स्ट्रीट लाइट्स के न जलने के कारण हो रहा है। यह हाल तो तब है जब इन स्ट्रीट लाइट्स की मेंटेनेंस में हर साल छह करोड़ से अधिक खर्च किया जाता है। बावजूद इसके शहर की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था पटरी से उतर गई है।

नगर निगम के अधिकारियों ने हाल ही में वार्डों का सर्वे कराकर मार्ग प्रकाश व्यवस्था सुधारने की कवायद की थी। लेकिन सर्वे में स्ट्रीट लाइट व्यवस्था की हालत ही खस्ता मिली। सर्वे के अनुसार शहर के 274 स्थानों पर स्ट्रीट लाइट की खराब है या स्ट्रीट लाइट के तार टूटे हुए हैं या फिर तार ही नही हैं। वहीं कई जगह पर सीसीएम्णएस बॉक्स ही गुमशुदा हैं। जबकि, 274 जगह वायरिंग खराब है। नगर निगम अधिकारियों ने हाल ही में स्ट्रीट लाइट के लिए निगम द्वारा सर्वे कराया गया था। इस दौरान 229 स्थानों पर स्ट्रीट लाइट का वायर खराब मिला। जबकि, 45 स्थानों पर स्ट्रीट लाइट के पोल के बीच स्ट्रीट लाइट का वायर ही नहीं मिला। कुल मिलाकर 274 स्पॉट्स पर स्ट्रीट लाइट वायरिंग के कारण बंद मिली।

54 लाख का अनुबंध: स्ट्रीट लाइट फेल्योर रेट दो फीसद से बढ़कर 12 फीसद तक पहुंच गया है। निगम ने ईईएसएल से स्ट्रीट लाइट संचालन के लिए अनुबंध किया हुआ है। ईईएसएल को स्ट्रीट लाइट का यह ठेका साल 2024 तक दिया गया है। वहीं, अनुबंध की शर्त के अनुसार प्रतिमाह नगर निगम ईईएसएल को 54 लाख रुपये यानी सालाना करीब छह करोड़ 48 लाख का भुगतान करता है।

इन खामियों के कारण पसरा अंधेरा

तेज हवा, खराब मौसम और बारिश में पुराने तारों में फाल्ट हो जाते हैं। जबकि, स्ट्रीट लाइट के अधिकतर सर्किट खराब हो चुके हैं। शहर में किसी भी स्ट्रीट लाइट के पोल पर अर्थिग नहीं है। करंट ज्यादा होने से स्पेशल प्रोटेक्शन डिवाइस खराब हो जाता है। स्ट्रीट लाइट की लाइन में कहीं-कहीं फेज वायर तक नहीं है।

ईईएसएल कंपनी के दावे फेल

ईईएसएल ने नगर निगम अधिकारियों को जो रिपोर्ट दी है, उसमें 700 स्थानों पर सीसीएमएस स्थापित करने का दावा किया गया है। लेकिन निगम के सर्वे में अधिकतर स्थानों से सीसीएमएस गायब हैं। हालांकि, अनुबंध के मुताबिक ईईएसएल को कुल 950 स्थानों पर सीसीएमएस स्थापित करना है।

क्या होता है सीसीएमएस

यह एक प्रकार का सर्किट होता है, जिससे 40 से 50 स्ट्रीट लाइट एक स्थान पर जोड़कर चालू व बंद की जाती हैं। जिसकी जिम्मेदारी ईईएसएल के कंधों पर है। नगर निगम ने ईईएसएल से स्ट्रीट लाइट संचालन के लिए 2026 तक अनुबंध किया हुआ है। वहीं, अनुबंध की शर्त के अनुसार प्रतिमाह नगर निगम ईईएसएल को 54 लाख रुपये का भुगतान करता है। ईईएसएल की जिम्मेदारी स्ट्रीट लाइट का सेटअप, उसमें नई एलईडी लगाने व उसका मेंटेनेंस, मुख्य लाइन से स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन, सीसीएमएस अर्थात लाइट जलाने व बुझाने का सर्किट स्थापित करने की है।स्ट्रीट लाइट के पोल से लेकर बिजली लाइन तक के ढांचे के रख-रखाव की जिम्मेदारी नगर निगम और ऊर्जा निगम की है।

ईईएसएल की तरफ से स्ट्रीट लाइट के इंफ्रास्ट्रक्चर जर्जर होने को लेकर पत्र दिया गया था। जिसके तहत सर्वे कराया गया था। सर्वे में स्ट्रीट लाइट की लाइनें जहां-जहां खराब मिल रही है, उनको सही कराया जा रहा है। – शरद पाल, सहायक नगरायुक्त।

 

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