दिवाली पर मिलावटी खाद्य पदार्थो से रहें सावधान, सेहत के लिए है घातक

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  • खाद्य सुरक्षा विभाग दिवाली पर बिकने वाले मिलावटी खाद्य पदार्थो को लेकर कर रहा सख्ती।
  • सैंकड़ों कुंतल मिठाइयां, पनीर, मावा व मिल्क पावडर पकड़ा।

प्रेमशंकर, मेरठ। दीपावली का त्यौहार आते ही मिलवटखोरों का धंधा खूब फलने-फूलने लगता है। हर साल खाद्य सुरक्षा विभाग मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाकर हजारों टन मिठाइयां व अन्य खाद्य सामाग्री नष्ट कराता है लेकिन इस गोरखधंधे से जुड़े लोग फिर आम जनता को मिलावटी खाद्य सामाग्री परोसने के लिए तैयार हो जाते है। शहर ही नहीं यह गोरखधंध देहात में भी धड़ल्ले से चल रहा है।

 

– सरधना क्षेत्र के गांवों में खूब चल रही है मिलावटी मावा बनाने की भट्टियां

मेरठ की सरधना तहसील दिवाली से पहले ही मिलावटी मिठाइयों की बड़ी मंडी में बदल जाती है। यहां गांवों में दिन-रात सिंथेटिक दूध से मावा बनाया जाता है। इससे तैयार मिठाइयों को मेरठ के साथ अन्य जिलों में भी सप्लाई किया जाता है। जहां से फुटकर दुकानदारों द्वारा यह आम जनता तक पहुंचती है।

– दिल्ली से मिलते है बड़े आर्डर

सरधना क्षेत्र जिले का एक बाहरी इलाका है इस वजह से यह मिलावट खोरों के लिए एक महफूज स्थान है। इसके साथ ही यहां से दिल्ली के लिये भी आसानी से आना-जाना संभव होता है। बताया जा रहा है दिवाली से करीब पंद्रह दिन पहले दिल्ली से बड़ी संख्या में मिठाइयों के आर्डर सरधना में मिलावट खोरों को मिलते है। आर्डर पूरा करने के लिए यह लोग पहले पेशगी के रूप में मोटी धनराशी लेते है इसके बाद आर्डर पूरा किया जाता है।

– मिलावटी मावे से बनती है यह मिठाइयां

दिवाली के अवसर पर बाजार में जितनी भी मिठाइयां बिकती है उनमें से ज्यादातर मावे से बनाई जाती है। लेकिन मावा बनाने के लिए दूध चाहिए होता है जिसकी पहले से ही कमी है। ऐसे में मिलावटी दूध तैयार करके इसकी पूर्ति की जाती है जिसे सिंथेटिक दूध भी कहा जाता है। इस दूध को तैयार करने के लिए कपड़े धोने वाले इजी, रिफाइंड आॅयल व महज कुछ मात्रा में शुद्ध दूध की जरूरत पड़ती है। जबकि यदि मिठाइयों का आर्डर ज्यादा हो तो इनकी पूर्ती करने के लिए मिल्क पावडर का भी इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह बर्फी, रसगुल्ला, चमचम, कलाकंद, मिल्क केक, रबड़ी, सोहन पापड़ी जैसी मिठाइयां तैयार की जाती है।

– सेहत के लिए घातक है यह मिठाइयां

दिवाली के अवसर पर मिलावटी खाद्य सामाग्री की जमकर बिक्री होती है। हालांकि खाद्य सुरक्षा विभाग इसको लेकर कार्रवाई करता है लेकिन मिलावटी सामान फिर भी बिकता है। यह खाद्य पदार्थ शरीर के लिये काफी घातक साबित हो सकते है। इनके सेवन से लीवर, किटनी, दिल व आंखें पर खतरनाक प्रभाव पड़ता है। कई बार इनके सेवन से उल्टी-दस्त जैसी शिकायत भी होने लगती है।

– खाद्य सुरक्षा विभाग करता है कार्रवाई

मिलावटी खाद्य पदार्थो पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग लगातार छापेमरी कर रहा है। इस दौरान रोजाना बड़ी मात्रा में खाद्य सामाग्री को नष्ट भी किया जा रहा है। इसके साथ ही कई जगहों से मिठाइयां बनाकर बेचने वाले दुकानदारों के यहां से सैंपल भरे जा रहे है जिन्हें परीक्षण के लिए लखनऊ भेजा जा रहा है। वहां से आने वाली जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाती है।

दिवाली से ठीक पहले हमारी टीमे पूरे जिले में छापेमारी कर रहीं है। जिन मिठाइयों व खाद्य सामाग्री को संदिग्ध पाया जाता है उसे मौके पर ही नष्ट कर दिया जाता है। बाकि खाद्य सामाग्री के सैंपल लखनऊ भेजे गए है। वहां से 14 दिनों में रिपोर्ट आती है जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। – शिव कुमार, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, मेरठ।

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