Home Education News विश्वविद्यालय में होती है देश के भविष्य की संरचना: बलराज चौहान

विश्वविद्यालय में होती है देश के भविष्य की संरचना: बलराज चौहान

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  • विश्वविद्यालय होता है ज्ञान का भंडार,
  • शिक्षा व्यक्ति को समाज में जीने के लिए सभ्य बनती है।

शारदा न्यूज़, संवाददाता |

मेरठ। विश्वविद्यालय में ज्ञान का भंडार होता है और यहां पर भारत के भविष्य की संरचना होती है। क्योंकि शिक्षा ही एक व्यक्ति को सभ्य बनती है समाज में जीने का तरीका सिखाती है। शिक्षा वह सामाजिक संस्था है जिसके माध्यम से समाज अपने सदस्यों को बुनियादी तथ्य, कार्य कौशल और सांस्कृतिक मानदंड मूल्यों सहित महत्वपूर्ण ज्ञान प्रदान करता है। शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाती है और समाज को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती है। यह बात चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में Awareness on NIRF Ranking and NAAC Accreditation विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में crisp के यूपी टीम लीडर और मुख्य अतिथि बलराज चौहान ने कही।

बलराज चौहान ने एक दिवसीय कार्यशाला में उपस्थित प्राचार्यों से कहा कि नेक ग्रेडिंग के लिए विश्वविद्यालय से प्रेरणा लेनी चाहिए किस प्रकार से हम नेक ग्रेडिंग में ए प्लस प्लस ला सकते हैं विश्वविद्यालय से सीखें।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा कि नेक की सफलता के लिए हर क्राइटेरिया के लिए कम से कम चार शिक्षकों की टीम बनाएं उस टीम को अपने क्राइटेरिया की सभी बातें कंठस्थ होनी चाहिए जिन कॉलेजों को नेक ग्रेडिंग में ए प्लस प्लस मिला है उनकी एसएसआर रिपोर्ट को पढ़ें और उसमें देखें की हमारी रिपोर्ट में क्या-क्या कमी है उसे कमी को पूरा करते हुए अपनी एसएसआर रिपोर्ट सबमिट करें।

Crisp के यूपी टीम के सदस्य राहुल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 8000 से ज्यादा कॉलेज है जिनमें से मात्र एक प्रतिशत कॉलेजो ने ही NIRF रैंकिंग के लिए आवेदन किया हुआ है सभी कॉलेजों को NIRF रैंकिंग के लिए आवेदन करना चाहिए मेरठ के कॉलेज में बहुत क्षमता है लेकिन आवेदन न करने के कारण वह अपनी उपस्थिति NIRF में नहीं दर्ज कर पाते हैं। Crisp से आए दूसरे एक्सपर्ट दिव्या मालाकार ने NAAC की बारीकियों से अवगत कराते हुए कहा कि अपने पास उपलब्ध डाटा को SSR रिपोर्ट में प्रयोग करें।

Crisp से ही आए एक्सपर्ट आशुतोष कुमार ने कहा कि अनुसंधान और नवाचार को अपनी रिपोर्ट में दर्शाएं। स्टार्ट अप को प्रमोट करना चाहिए। यदि कॉलेजों ने इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अपनी SSR रिपोर्ट को सबमिट किया तो अच्छा ग्रेड मिलेगा। कार्यक्रम में स्वागत भाषण आईक्यूएसी समन्वयक प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता ने दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी ने किया।

इस अवसर पर कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा, प्रोफेसर अनुज कुमार, प्रोफेसर जयमाला, प्रोफेसर बिंदु शर्मा, प्रोफेसर जितेंद्र कुमार, डॉक्टर सचिन कुमार, डॉक्टर विवेक कुमार, प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र कुमार गुप्ता, अमित नायाल, शहरीन, रितिका, आकाश शर्मा आदि मौजूद रहे।

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