मौके की नजाकत
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके लिये भारत का दौरा जिंदगी में न भूलने वाला साबित होगा। हैदराबाद में पहला मैच जीतने के बाद अंग्रेजों के पैर जमीन पर नहीं पड़ रहे थे और उनके नेशनल कोच ब्रैंडन मैकमुलन की बैजबॉल स्टाइल के जरिये टीम इंडिया को परास्त करने की खास स्टाइल से टीम इंडिया को पूरी सीरीज में क्लीन स्विप करने की रणनीति अगले मैच में बिखरती दिखने लगी थी जब भारत ने विशाखापटनम, रांची और राजकोट का मैच अंग्रेजों को परास्त करके जीत लिया था।
पांच मैचों की सीरीज के आखिरी मैच में धर्मशाला की धौलाधार पहाड़ियों के बीच टीम इंडिया के खतरनाक शेरों ने पहली पारी में इंग्लैंड को 218 रनों पर समेट कर दूसरी पारी में जिस तरह से 259 रनों की लीड दी उसने अंग्रेजों की कमर तोड़ दी और वर्ल्ड क्लास आफ स्पिनर रविचन्द्रन अश्विन ने अपने कलाई के जादू से पांच विकेट लेकर भारत को पारी की जीत के करीब लाकर खड़ा कर दिया। इस लंबी सीरीज ने साफ संदेश दे दिया। कि टीम इंडिया के विराट कोहली, के एल राहुल जैसे स्टार खिलाड़ियों के बिना भी भारत सीरीज जीत सकता है।
ऐसा टीम इंडिया के शावकों सरफराज, शुभमन गिल, देवीदत्त पडिक्कल, ध्रुव जुरैल, यशस्वी जायसवाल ने करके दिखा दिया। इंग्लैंड पिछले एक साल से बैजबाल के जरिये विदेशों में कई सीरीज जीत चुका है लेकिन उसे इस बात का अंदाज नहीं था कि भारत की पिचों पर बैजबाल कभी सफल नहीं रहा है।