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Wednesday, December 24, 2025
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Homeदेशएसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

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  • रुकावट करने पर जताया खेद, चुनाव आयोग से कहा- हमें बताओ, आदेश देंगे।
  • बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता सूची की जांच कर रहे हैं।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के दौरान बूथ लेवल आॅफिसर्स पर हो रहे हमलों और धमकियों को बेहद गंभीर मानते हुए चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दिया है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने साफ कहा कि बीएलओ ग्राउंड लेवल पर भारी दबाव और तनाव में काम कर रहे हैं, उन्हें सुरक्षा मिलनी ही चाहिए।

 

Supreme Court strict on SIR

 

याचिका में कहा गया था कि पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता सूची की जांच कर रहे हैं, लेकिन उन्हें स्थानीय गुंडों और राजनीतिक कार्यकतार्ओं से लगातार धमकियां मिल रही हैं, कुछ जगह तो मारपीट भी हुई है।

चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने सुनवाई के दौरान बीएलओ के काम की कठिनाई को पूरी तरह स्वीकार किया। जस्टिस बागची ने कहा ये कोई डेस्क का काम नहीं है। वे हर घर जाते हैं, वहां जाकर वेरिफिकेशन करते हैं, फॉर्म भरवाते हैं, फिर उसे लेकर आते हैं और अपलोड करते हैं। घर-घर जाना, फिर वापस आकर अपलोड करना ये भारी दबाव और तनाव का काम है।

उन्होंने आगे कहा हम किसी राजनीतिक नैरेटिव में नहीं पड़ रहे हैं। हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि ग्राउंड लेवल पर एसआईआर का काम बिना किसी रुकावट और डर के पूरा हो सके।

चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने भी टिप्पणी की कि अगर बीएलओ को सुरक्षा नहीं दी जा रही है तो ये बहुत गंभीर विषय है। कोर्ट ने साफ किया कि मतदाता सूची को साफ-सुथरा और सही बनाना लोकतंत्र की बुनियाद है और इसके लिए काम करने वाले अफसरों को डर के साए में नहीं छोड़ा जा सकता है।
कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा है कि आखिर बीएलओ की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? पश्चिम बंगाल में एसआईआर का काम तेजी से चल रहा है और इसके लिए हजारों बीएलओ -टीचर और सरकारी कर्मचारी लगाए गए हैं। कई जगहों से शिकायत आई है कि कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता बीएलओ को काम नहीं करने दे रहे और धमका रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि बीएलओ को सुरक्षित माहौल में काम करने का पूरा हक है, क्योंकि वे निष्पक्ष तरीके से मतदाता सूची तैयार करने का महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं।

पश्चिम बंगाल में अगले साल पंचायत चुनाव और उसके बाद लोकसभा की तैयारी को देखते हुए यह एसआईआर ड्राइव बहुत अहम है। कोर्ट का साफ कहना है कि इस काम में कोई राजनीतिक दखल या हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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