नई दिल्ली। रणजी ट्रॉफी में गुजरात और उत्तराखंड के बीच खेले जा रहे मुकाबले में 21 वर्षीय गेंदबाज ने इतिहास रच डाला है। नाम है आर्य देसाई। आर्य ने अपनी घूमती गेंदों से जमकर कहर बरपाते हुए अकेले ही उत्तराखंड के 9 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखा दी।
आर्य ने रणजी के इतिहास में गुजरात की ओर से बेस्ट बॉलिंग स्पेल फेंकने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। 15 ओवर के स्पेल में आर्य ने सिर्फ 36 रन खर्च करते हुए 9 विकेट अपनी झोली में डाले और उत्तराखंड की पूरी टीम को पहली पारी में सिर्फ 111 रनों पर समेट दिया।
गुजरात के खिलाफ उत्तराखंड के कप्तान ने टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। हालांकि, यह निर्णय टीम के एकदम खिलाफ गया। उत्तराखंड के बल्लेबाज क्रीज पर आकर बस पवेलियन लौटते चले गए। 21 साल के स्पिन गेंदबाज आर्य देसाई ने अपनी फिरकी का ऐसा जादू चलाया कि पूरी विपक्षी टीम सिर्फ 111 रन पर ढेर हो गई।
आर्य की घूमती गेंदों के आगे उत्तराखंड के बल्लेबाज पूरी तरह से बेबस दिखाई दिए। आर्य अबूझ पहेली साबित हुए और उन्होंने सिर्फ 15 ओवर के स्पेल में ही 9 विकेट चटका डाले। आर्य की घातक गेंदबाजी के खिलाफ कोई भी बैटर टिक नहीं सका। उत्तराखंड के आठ बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा तक पार नहीं कर सके।
रणजी ट्रॉफी के इतिहास में आर्य देसाई ने गुजरात की ओर से बेस्ट बॉलिंग स्पेल फेंकने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। उन्होंने राकेश ध्रुव के रिकॉर्ड को चकनाचूर कर डाला है, जिन्होंने साल 2012 में 31 रन खर्च करते हुए 8 विकेट चटकाए थे। इसके साथ ही आर्य ने रणजी में तीसरा बेस्ट गेंदबाजी स्पेल डालने का रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज करा लिया है। रणजी में बेस्ट बॉलिंग स्पेल फेंकने का रिकॉर्ड अंशुल कंबोज के नाम है, जिन्होंने पिछले साल केरल के खिलाफ खेलते हुए 49 रन देकर 10 विकेट निकाले थे।