– एसआईआर प्रक्रिया चार नवंबर से शुरु।
लखनऊ। चुनाव आयोग द्वारा देश के 12 राज्यों में मतदाता सूची के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण का दूसरा फेस 4 नवम्बर से शुरू होगा। इस घोषणा एके साथ ही समाजवादी पार्टी ने वोटर लिस्ट निगरानी के लिए बड़ा कदम उठाया है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सर पीडीए प्रहरी नियुक्त करने का फैसला लिया है। जिनका अमुख्य काम वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों में निगरानी और पीडीए मतदाताओ के वोट की रक्षा करना बताया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने इसको लेकर अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट भी किया है। जिसमें इसकी पुष्टि उन्होंने की है। राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले ये मुद्दा गरमा सकता है, क्यूंकि विपक्ष ने बिहार में रकफ प्रक्रिया पर ऐतराज जताया था।
अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर सोमवार को पोस्ट किया था। जिसमे लिखा था सबको उसके वोट का अधिकार दिलवाना है हर वोट का प्रहरी बनकर लोकतंत्र बचाना है।
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक ये प्रहरी हर ब्लॉक और विधानसभा स्तर पर सक्रिय रहेंगे। वे फॉर्म-6 (नया नाम जोड़ना), फॉर्म-7 (नाम हटाना) जैसी प्रक्रियाओं की जांच करेंगे और पीडीए समुदायों के वोटरों के नाम न हटें, इसके लिए स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएंगे। साफ जाहिर हो रहा है कि अखिलेश यादव 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले वोटर लिस्ट को लेकर किसी भी जोखिम को नहीं लेना चाहते हैं।
सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रकफ के दूसरे फेस का ऐलान किया था।
जिसमें उन्होंने बताया कि ये प्रक्रिया 12 और केंद्र शासित प्रदेशों में चलेगा। जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान,छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल के साथ अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप और पुदुचेरी शामिल हैं।
इसमें दो जगह या अवैध मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काटे जाएंगे और नए मतदाताओं को जोड़ा जाएगा। विपक्ष इस मुद्दे पर विपक्ष और आयोग की मंशा पर लगातार सवाल उठा रहा है।

