– गोरखपुर चिडियाघर में भेजा जाएगा
सीतापुर। खूंखार बाघ को महोली क्षेत्र में ट्रेंकुलाइज कर पकड़ लिया गया है। बाघ नरनी गांव से करीब 300 मीटर दूर पकड़ा गया है। बाघों के रिहायशी इलाकों में घूमने से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल था। 22 अगस्त को बाघ ने एक युवक को अपना शिकार बनाया था। गांववालों का कहना है कि इसी आदमखोर बाघ ने युवक का शिकार किया था। हालांकि, वन विभाग अभी इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं बता पा रहा। साल 2025 में अबतक 2 बाघ और एक बाघिन पकड़े जा चुके हैं। गांववालों का दावा है कि अभी भी दो शावक घूम रहे हैं। डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने बताया कि क्षेत्र में लगातार निगरानी कर रही।
सीतापुर का महोली क्षेत्र, पीलीभीत के जंगलों से सटा हुआ इलाका है। पीलीभीत के जंगलों से भटकते हुए आए दिन बाघ महोली इलाका में पहुंच जाते हैं। बाघों के रिहायशी क्षेत्रों में घुस आने से लोगों में दहशत हमेशा से बना रहता है। बीते कुछ महीनों से बाघ का खौफ लोगों में काफी बढ़ गया था।
दरअसल, इलाके में कई बाघ घूमते देखे गए। अगस्त महीने की 22 तारीख को बाघ ने एक युवक को अपना शिकार भी बनाया तो ग्रामीणों में खौफ और बढ़ गया। लोग वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाने लगे। क्षेत्र में बाघों भटककर आने की सूचना के बाद वन विभाग सक्रिय हुआ।
बाघ को पकड़ने के लिए दुधवा नेशनल पार्क से एक्सपर्ट डॉ.दयाशंकर और उनकी टीम को बुलाया गया। टीम ने नरनी गांव से करीब 300 मीटर दूर कमांड सेंटर से नजदीक एक मचान लगाया। वहीं पर बाघ को पकड़ने के लिए जाल बिछाते हुए एक जानवर को बांधा गया। देर शाम को बाघ जानवर का शिकार करने आया। एक्सपर्ट ने ट्रैंकुलाइजर गन से उस पर निशाना साधा।
बाघ कुछ ही देर में बेहोश हो गया। फिर टीम ने उसे पकड़कर पिंजड़े में कैद कर लिया। पिंजड़े में कैद बाघ को देखने के लिए गांववालों का तांता लग गया। बाघ को जब होश आया तो वह गुरार्ने लगा लेकिन पिंजड़े में होने की वजह से असहाय था। कुछ ही देर में वन विभाग की टीम उसे लेकर इलसिया पार्क के लिए रवाना हो गई।
20 दिन पहले एक बाघिन भी पकड़ी गई थी
डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने बताया कि पकड़े गए बाघ की उम्र करीब 6 साल है और उसका वजन लगभग 220 किलो है। करीब 20 दिन पहले टीम ने इसी इलाके से एक बाघिन को भी पकड़ा था। जबकि 26 मई को नरनी गांव से 40 किमी दूर एक बाघ को टीम ने पकड़ा था।
गोरखपुर जू में भेजा जा सकता है बाघ
नरनी में पकड़े गए शिकारी बाघ को गोरखपुर चिड़ियाघर में भेजा जा सकता है। बाघ के पहले इसी इलाका में पकड़ी गई बाघिन को गोरखपुर जू भेजा गया था। हालांकि, डीएफओ ने बताया कि वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट और अन्य एजेंसियों से अनुमति लेने के बाद ही बाघ के बारे में निर्णय लिया जा सकता है।
दहशत अभी भी बरकरार, दो शावक घूम रहे
नरनी गांव के लोगों ने बताया कि बाघ का दहशत अभी खत्म नहीं हुआ है। वन विभाग ने केवल बाघ और बाघिन को पकड़ा है। दो शावक अभी भी इलाके में घूम रहे हैं। जबतक वे पकड़े नहीं जाते, तबतक खतरा बना हुआ है। डीएफओ नवीन खंडेलवान ने बताया कि ग्रामीणों की आशंकी पर निगरानी लगातार जारी रहेगी।