- गंगा का पानी खेतों में घुसा, प्रशासन ने ग्रामीणों के सहयोग से शुरू कराई मरम्मत।
संभल। गंगा नदी का पानी खेतों में घुस गया है। गुन्नौर तहसील के चिरवारा गांव में गंगा पर बना बांध तेज बहाव के कारण टूट गया। इससे सैकड़ों बीघा खेत जलमग्न हो गए हैं। गंगा का जलस्तर तीन लाख क्यूसेक से अधिक हो गया है। लगभग 42 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय लोगों ने बांध टूटने के वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए। इसके बाद प्रशासन सक्रिय हुआ। एसडीएम के नेतृत्व में राजस्व और सिंचाई विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं। बांध की मरम्मत के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गईं। मिट्टी के बोरे, पेड़ों के तने और लकड़ी के गट्ठर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा ने बताया कि बझांगी और चाऊपुर डांडा गांवों में पानी पहुंच गया है। अन्य गांवों में अभी बाढ़ का पानी नहीं पहुंचा है। प्रशासन ने आसपास के गांवों को अलर्ट कर दिया है। लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील की गई है।
सिंचाई विभाग के अनुसार जल्द ही बांध की मरम्मत पूरी कर ली जाएगी। गंगा में इस समय पानी का बहाव तेज होने से मरम्मत कार्य में चुनौतियां बढ़ गई हैं। राजस्व विभाग के अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
नरौरा और राजघाट में गंगा का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। राजघाट में स्थिति गंभीर है और घाट पर बैठने की जगह भी नहीं बची है। बाढ़ के पानी से शांति उपवन मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हुई बारिश से गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। तटीय क्षेत्रों में संभावित बाढ़ से निपटने के लिए सभी एहतियाती उपाय अपनाए जा रहे हैं।
विभागीय टीमें लगातार जलस्तर की निगरानी कर रही हैं। संबंधित बाढ़ सुरक्षा समितियों को भी अलर्ट कर दिया गया है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए बझांगी, उदिया नगला, तोतापुर, रघुपुर पुख्ता, चाऊपुर सहित अन्य गंगा तटीय गांवों को सतर्क कर दिया गया है। प्रशासन की ओर से गांवों में मुनादी और निगरानी दलों की तैनाती के निर्देश जारी किए गए हैं।