– हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी शिक्षिका को नहीं दिया गया दूसरा मातृत्व अवकाश।
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फरुर्खाबाद की शिक्षिका को मातृत्व अवकाश नहीं देने पर कड़ी नाराजगी जताई है। वहीं, आदेश का पालन न करने पर कोर्ट ने फरुर्खाबाद के बीएसए, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा विभाग, शिक्षा निदेशक (बेसिक), बेसिक शिक्षा निदेशालय, लखनऊ व उप्र बेसिक शिक्षा बोर्ड, प्रयागराज के सचिव को तलब किया है।
कहा है कि 28 मई को दोपहर 12 बजे व्यक्तिगत रूप से पेश होकर स्पष्टीकरण दें। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने किरन देवी की याचिका पर दिया। याची के दूसरे मातृत्व अवकाश को बीएसए ने ‘अनुमन्य नहीं’ लिखकर बिना किसी विशिष्ट कारण के अस्वीकार कर दिया था। याची ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने 29 अप्रैल, 2025 को बीएसए के आदेश को रद्द कर दिया था।
साथ ही मामले को संबंधित प्रतिवादी को वापस भेज दिया था, ताकि वह कानून के अनुसार एक नया आदेश पारित करें। इसके बाद भी बीएसए ने उस आदेश का पालन नहीं किया। इसके खिलाफ याची ने दूसरी याचिका दाखिल की।
याची के अधिवक्ता मानवानंद चौरसिया ने दलील दी कि अधिकारी ने दूसरा मातृत्व अवकाश 180 दिन का न देकर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। वहीं, प्रतिवादियों के अधिवक्ता ने दलील दी कि विवादित आदेश जल्दबाजी में पारित हो गया है।
कोर्ट ने मातृत्व अवकाश न देने पर कड़ी नाराजगी जताकर बीएसए सहित अन्य अधिकारियों को तलब किया है। रजिस्ट्रार (अनुपालन) को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।
याची अधिवक्ता मानवानंद चौरसिया ने बताया कि प्रदेश व केंद्र की नौकरियों में कोई भी महिला कर्मचारी अपनी सेवा के दौरान दो बार मातृत्व अवकाश 180-180 दिन कभी भी ले सकती हैं। राज्य के पहले के शासनादेश में दूसरा मातृत्व अवकाश दो साल के बाद ही लेने का प्रावधान था। लेकिन वर्तमान में कोर्ट के आदेश पर राज्य ने अपने शासनादेश में संशोधन कर दिया है। अब महिला कर्मचारी दूसरा मातृत्व अवकाश कभी भी ले सकती है।